Ranchi news : बीज के मामले में झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत : कुलपति
बीएयू में सीड काउंसिल की 22वीं बैठक
बीएयू में सीड काउंसिल की 22वीं बैठक रांची. बिरसा कृषि विवि के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा है कि राज्य को गुणवत्तायुक्त बीज के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विवि, राज्य में अवस्थित आइसीएआर संस्थानों तथा कृषि विभाग को मिलकर काम करने की जरूरत है. अच्छे बीज के इस्तेमाल व अन्य इनपुट समान रहने पर भी उत्पादन में 15- 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. कुलपति डॉ दुबे मंगलवार को विवि की सीड काउंसिल (बीज परिषद) की 22 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे. कुलपति ने कहा कि बीज खरीद में सरकारी और अर्द्ध सरकारी एजेंसियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. वैज्ञानिकों को देश में 10 वर्षों के अंदर जारी किये गये वैसे फसल किस्म के बारे में पूरी जागरूकता रखनी चाहिए, जो झारखंड के लिए उपयुक्त हैं. कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के विशेष सचिव डॉ पीके हजारी ने कहा कि झारखंड में दलहन फसलों की उत्पादकता देश में सर्वाधिक है, लेकिन उपज की गुणवत्ता में सुधार के लिए समुचित प्रयास की जरूरत है. उन्होंने कहा कि झारखंड को आम और अन्य फलों की सैंपलिंग के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास होना चाहिए. आइसीएआर के सीड डिवीजन के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पीआर चौधरी ने कहा कि झारखंड के लिए हाल में विभिन्न फसलों की 281 उन्नत किस्म जारी किये गये हैं. जो कम पानी, अधिक ताप, मृदा अम्लीयता और क्षारीयता की स्थिति में भी अच्छी उपज दे सकते हैं. इससे पूर्व विवि के बीज निदेशक डॉ शंभुनाथ कर्मकार ने आगंतुकों का स्वागत किया. कहा कि 2024-25 में विभिन्न अनाज, दलहन एवं तेलहन फसलों के कुल 5785 क्विंटल प्रजनक बीज, आधार बीज, प्रमाणित बीज और सत्य प्रमाणित बीज बीएयू द्वारा पैदा किये गये हैं. इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक डॉ पीके सिंह, आनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग की अध्यक्ष डॉ मणिगोपा चक्रवर्ती, कृषि उप निदेशक कंचन कुमारी तथा प्रगतिशील किसानों ने भी अपने विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन डॉ आरपी मांझी ने किया.
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