डाकघरों में घोटाले पर सरकार गंभीर, मुख्यमंत्री ने सीबीआइ को सौंपी जांच

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह डिवीजन के अंतर्गत गिरिडीह के प्रधान डाकघर और गिरिडीह टाउन उप डाकघर में जमा 11 करोड़ 64 लाख 38 हजार 635 रुपये की फर्जी निकासी के जरिये की गयी धोखाधड़ी मामले को जांच सीबीआइ को हस्तांतरित करने के प्रस्वाव को स्वीकृति दे दी है. फर्जी निकासी के इस मामले में गिरिडीह नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है.

By Prabhat Khabar | May 30, 2020 2:44 AM

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह डिवीजन के अंतर्गत गिरिडीह के प्रधान डाकघर और गिरिडीह टाउन उप डाकघर में जमा 11 करोड़ 64 लाख 38 हजार 635 रुपये की फर्जी निकासी के जरिये की गयी धोखाधड़ी मामले को जांच सीबीआइ को हस्तांतरित करने के प्रस्वाव को स्वीकृति दे दी है. फर्जी निकासी के इस मामले में गिरिडीह नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है.

इधर रांची स्थित डोरंडा प्रधान डाकघर के डाक सहायक लोकेश कुमार सिंह पर पांच जाली खाता खोल करीब 40 लाख रुपये का गबन करने का मामला सामने आया है. इस मामले में रांची के सहायक डाक अधीक्षक विश्वजीत राय की शिकायत पर डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.गिरिडीह : कैसे हुई फर्जी निकासीगिरिडीह जिले के प्रधान डाकघर से तीन अक्तूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 के बीच 11,64,38,635 रुपये की फर्जी तरीके से निकासी की गयी थी.

इसके अंतर्गत गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को सुनियोजित साजिश रचकर व धोखा देकर व्यक्तिगत खातों में जमा कर दिया जाता था. इस मामले में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और सहायक डाकपाल मो अलताफ की संलिप्तता सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

डोरंडा : जाली खाता खोल किया फर्जीवाड़ा

डोरंडा डाकघर को लेकर दर्ज प्राथमिकी के यहां लोकेश कुमार सिंह ने ऑपरेटर आइडी का इस्तेमाल कर 40 लाख के पांच टीडी खाता खोले. इन खातों को डाक सहायक डेविड किशोर और श्वेता कुमारी ने सुपरवाइजर आइडी से वेरीफाई भी किया. पांच में से तीन खातों में दस-दस लाख और दो खातों में पांच-पांच लाख जमा किये गये.

सभी खाता 12 दिसंबर से 22 दिसंबर 2018 के बीच खोले गये थे. जांच में यह भी पाया गया कि विकासनगर (सिंह मोड़, हटिया) निवासी जिस पुष्कर आनंद के नाम पर जाली खाता खोला गया था. बाद में उपयुक्त पांचों खाता का सीआइएफ बदल दिया गया. पांचों खाते अधिकृत एजेंट के माध्यम से खोले गये थे. खाता खोलने के एवज में एजेंट को 19 हजार कमीशन भी दिया गया.

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