झारखंड में बिजली संकट को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट में जुटी सरकार, सीएम आज कर सकते हैं बैठक

जेबीवीए़नएल सॉफ्ट लोन के रूप में 750 करोड़ रुपये लेने जा रही है. इसकी फाइल भी ऊर्जा विभाग द्वारा आगे बढ़ा दी गयी है. बताया गया कि मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद 750 करोड़ रुपये लोन लेकर दिसंबर माह तक के बकाये का भुगतान कर दिया जायेगा. तब मार्च तक बिजली कटौती रुक जायेगी.

By Prabhat Khabar | December 6, 2022 8:41 AM

झारखंड में बिजली संकट जारी है, सोमवार को स्थिति और बिगड़ गयी है. लगभग 700 मेगावाट की लोड शेडिंग हो रही थी. शाम पांच बजे पूरे राज्य में केवल 970 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी. जबकि जरूरत 1670 मेगावाट की थी. यानी 700 मेगावाट की लोड शेडिंग हो रही थी. राजधानी रांची में अब दिन और रात में भी लोड शेडिंग का सिलसिला जारी रहा. आधी रात में भी बिजली कटौती हो रही है.

क्राइसिस मैनेजमेंट में जुटी सरकार

कैबिनेट द्वारा राशि स्वीकृत होने के बाद डीवीसी को किस्त के रूप में 173 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. पर बकाया 205 करोड़ का भुगतान नहीं हो सका है, जिसके कारण सेंट्रल पूल से बिजली पर रोक जारी है. डीवीसी का यह बकाया जून माह का है. बताया गया कि 16 दिसंबर तक भुगतान न होने पर जुलाई माह का भी बकाया 200 करोड़ बढ़ जायेगा. यानी 400 करोड़ का बकाया हो जायेगा. नये नियम के अनुसार 16 तक भुगतान न होने पर ट्रिगर दब जायेगा. तब डीवीसी से पूरी तरह बिजली मिलनी बंद हो सकती है. इधर, सरकार इसे देखते हुए क्राइसिस मैनेजमेंट में जुट गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को जेबीवीएनएल के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.

Also Read: Jharkhand News: CA सुमन की डायरी ने खोला अवैध खनन और कमीशनखोरी का राज
लोन की फाइल आगे बढ़ी

जेबीवीए़नएल सॉफ्ट लोन के रूप में 750 करोड़ रुपये लेने जा रही है. इसकी फाइल भी ऊर्जा विभाग द्वारा आगे बढ़ा दी गयी है. बताया गया कि मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद 750 करोड़ रुपये लोन लेकर दिसंबर माह तक के बकाये का भुगतान कर दिया जायेगा. तब मार्च तक बिजली कटौती रुक जायेगी. इस दौरान बजटीय प्रावधान कर जेबीवीएनएल को अतिरिक्त राशि दी जायेगी. झारखंड को सोमवार के दिन टीवीएनएल से 330 मेगावाट, इनलैंड से 50 मेगावाट और एनटीपीसी व अन्य से कुल मिलाकर 970 मेगावाट बिजली मिल रही थी.

बिजली की चरमराती व्यवस्था के खिलाफ पीआइएल

राज्य में बिजली की चरमराती व्यवस्था व बार-बार के लोड शेडिंग के विरोध में झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी सुनील कुमार महतो की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र व अधिवक्ता विशाल कुमार ने उक्त याचिका दायर की है.. प्रार्थी ने कहा है कि झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के उच्च पदों पर प्रोफेशनल की नियुक्ति की जाये. नियमित व निर्बाध विद्युतापूर्ति सुनिश्चित की जाये. पिछले तीन वर्षों के दाैरान प्राइवेट ऊर्जा कंपनियों से खरीदी गयी ऊर्जा की जांच एसीबी से कराने की मांग की गयी है.

केंद्र से हो रही बात

सरकार से बातचीत चल रही है. भुगतान के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी है. अतिरिक्त राशि की व्यवस्था हो रही है. केंद्र से भी बात हो रही है. मुख्यमंत्री निरंतर प्रयासरत हैं कि इस समस्या का समाधान शीघ्र हो.

-अविनाश कुमार, प्रधान सचिव

Next Article

Exit mobile version