दमघोंटू धुआं, गैस का रिसाव और आबादी की ओर बढ़ती आग से स्थिति भयावह
आग लगने की घटना लगातार उजागर करने के बाद ग्रामीण भी विरोध में उतर गये हैं.
खलारी. प्रभात खबर द्वारा लगातार करकट्टा स्थित बंद केडीएच पैच की कोयला खदान में आग लगने की घटना लगातार उजागर करने के बाद ग्रामीण भी विरोध में उतर गये हैं. इस समस्या को लेकर करकट्टा के महावीर चौक में अनिल कुमार पासवान की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई. बैठक में सीसीएल प्रबंधन और प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा गया कि करकट्टा क्षेत्र में बिना प्लानिंग ओपन खदान खोल दी गयी. जबकि इस इलाकों में पहले से बंद भूमिगत खदान थीं. जहां इस इलाकों में दर्जनों बार अचानक भू-धंसान जैसी घटना हो चुकी है. कहा गया कि वर्ष 2018-19 में केडीएच पैच खदान खोल दी गयी, जहां महज 12-13 माह ही चलने के बाद खदान में आग लग गयी. उसके बाद से करकट्टा-विश्रामपुर व खिलानधौड़ा के ग्रामीण दमघोंटू धुआं, अनजान गैस और आबादी की ओर बढ़ती आग से परेशान हैं और इससे कई प्रकार के शारीरिक नुकसान पहुंच रही है. बताया गया कि सीसीएल द्वारा करकट्टा स्थित केडीएच पैच खदान खुलने से पहले से लेकर अब तक दर्जनों बार ग्रामीणों को विस्थापित करने के लिए घरों की मापी की गयी, परंतु यह मापी खोखली साबित हो गयी. ना ही ग्रामीणों को मुआवजा मिला और नाहीं विस्थापित किया गया. बैठक में श्री पासवान ने सीसीएल प्रबंधन से जल्द से जल्द विस्थापित का मांग करते हुए कहा कि वर्ष 2022 फरबरी माह में करकट्टा खदान में लगी आग ने भयावह रूप ले लिया था. उस समय सांसद डॉ महुआ माजी संसद में आवाज भी उठायी थी. उसके बाद सीसीएल प्रबंधन और राज्य सरकार के उच्च पदाधिकारी हालात का जायजा भी लिये, बावजूद आग को नहीं बुझायी गयी और नाहीं, अब तक ग्रामीणों को विस्थापित भी नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि वर्षों से आसपास के लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. इससे तरह-तरह की बीमारी से ग्रामीण ग्रसित हो रहे हैं. कहा कि यही हाल रहा तो कहीं करकट्टा-खिलान धौड़ा झरिया ना बन जाये. ग्रामीणों ने कहा कि प्रबंधन कोई ठोस निर्णय नही लेता है, तो सड़क पर उग्र आंदोलन किया जायेगा. एनके एरिया की खदानों को भी बंद कराया जायेगा. बैठक में झामुमो नेता नंदू मेहता, चितरंजन सिंह, अजय सिंह, सुशील राम, आनंद कुमार, विकास भुईयां, रामप्रवेश चौहान, विमल वर्मा, बिनय सिंह, मरियम टोपो, प्रमिला देवी, ललमनिया कुंवर, अनिमा टोप्पो, बुझावन महतो आदि उपस्थित थे.
स्लग :::: वर्षों से प्रदूषण की मार झेल रहे हैं करकट्टा-विश्रामपुर व खिलानधौड़ा के लोग
कई बार ग्रामीणों को विस्थापित करने के लिए घरों की हुई मापी, कार्रवाई कभी नहीं हुईB
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