माइनिंग लीज लेने के मामले में CM हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का नया नोटिस, 10 दिन में मांगा जवाब

माइनिंग लीज लेने के मामले में सीएम हेमंत साेरेन को चुनाव आयोग ने 10 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा है. जबकि सीएम श्री सोरेन ने कारण गिनाते हुए एक माह का समय मांगा है. अब सीएम श्री सोरेन को 20 मई, 2022 तक अपना जवाब देना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2022 10:51 PM

Jharkhand news: CM हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग द्वारा भेजी गयी नोटिस पर अपना पक्ष पेश करने के लिए चार हफ्तों का समय मांगा था. लेकिन, सीएम के आग्रह के बावजूद आयोग ने उन्हें 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया है. अब सीएम श्री सोरेन को माइनिंग लीज लेने के मामले में 20 मई तक आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखना होगा. पहले श्री सोरेन को 10 मई तक जवाब देना था. इधर, पांच अप्रैल को ही सीएम ने आयोग को भेजे गये आवेदन में समय बढ़ाने का आग्रह किया था. अपना आवेदन चुनाव आयोग को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा था.

समय बढ़ाने के लिए गिनाए तीन कारण

सीएम श्री सोरेन ने आयोग से समय बढ़ाने के लिए तीन कारणों का उल्लेख किया है. उन्होंने आयोग से कहा है कि दो मई को नोटिस मिली है और 10 मई तक जवाब देने के लिए कहा गया था. इतने कम समय में अपना पक्ष सही तरीके से पेश करना संभव नहीं है. पत्र में कहा गया है कि आयोग ने अपनी नोटिस के साथ 600 पन्नों के उस दस्तावेज को भेजा है, जिसे मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग को भेजा था. सभी दस्तावेज हिंदी में हैं और उनका पक्ष पेश करनेवाले अधिवक्ताओं को इसे सही-सही समझने के लिए अंग्रेजी में इसका अनुवाद कराना जरूरी है. इसमें वक्त लगेगा.

मां की बीमारी का भी दिया हवाला

इसके साथ ही उन्होंने अपनी मां की बीमारी का भी हवाला दिया है. पत्र में सीएम ने कहा है कि उनकी 67 वर्षीया मां पिछले आठ महीने से गंभीर रूप से बीमार हैं. 28 अप्रैल को उन्हें बेहतर इलाज के लिए हवाई मार्ग से रांची से हैदराबाद ले जाया गया. फिलहाल वह एआइजी हॉस्पीटल के आइसीयू में भर्ती हैं. उनके बेहतर इलाज और देखभाल के लिए उन्हें वहां रहना पड़ता है.

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खुद पर लगे आरोपों को किया खारिज

सीएम श्री सोरेन ने आयोग को भेजे पत्र में खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि यह मामला काफी महत्वपूर्ण है. यह उनके राजनीतिक करियर और सामाजिक स्थिति को प्रभावित करनेवाला है. वक्त की कमी के कारण अपना पक्ष पेश करने के लिए सक्षम वकीलों की नियुक्ति नहीं कर पाये हैं.

Posted By: Samir Ranjan.

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