झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने संताली परिधान में ली राष्ट्रपति पद की शपथ

झारखंड की राज्यपाल रह चुकी द्रौपदी मुर्मू आज देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने की शपथ ली. सुबह के 10.15 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने शपथ ली. 15वें राष्ट्रपति के रूप में संताली परिधान में शपथ ली. यह साड़ी उनकी भाभी सुकरी टुडू लेकर गयी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2022 12:50 PM

Ranchi News: झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल रही द्रौपदी मुर्मू आज देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने का शपथ ली. सुबह के 10.15 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में शपथ ली. उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायधीश एनवी रमण उन्हें शपथ दिलाया. शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने राष्ट्र को संबोधित भी किया. उन्होंने 15वें राष्ट्रपति के रूप में संताली परिधान में शपथ ली.

द्रौपदी मुर्मू की भाभी सुकरी टुडू लेकर गयी हैं खास साड़ी

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान द्रौपदी मुर्मू पारंपरिक संताली परिधान में नजर आई. यह साड़ी उनकी भाभी सुकरी टुडू पूर्वी संताल समुदाय की महिलाओं द्वारा पहनी जानेवाली एक खास साड़ी व पारंपरिक मिठाई अरिसा पिठा लेकर रायरंगपुर से दिल्ली पहुंची थी. वहीं द्रौपदी मुर्मू की पुत्री इतिश्री अपने पति गणेश हेंब्रम के साथ दिल्ली पहुंची. 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ ही उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड में सक्रिय हैं ड्रग माफिया, स्कूल-कॉलेज में बेच रहे ब्राउन शुगर, 6 लोग गिरफ्तार
सांसद महुआ माजी और विजय हांसदा रहेंगे उपस्थित

झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में झारखंड से राज्यसभा सांसद महुआ माजी और विजय हांसदा शामिल हुए. बताते चलें कि इससे रविवार को सीएम हेमंत सोरेन ने दिल्ली में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. उनको राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर बधाई दी.

आदिवासी महिला राष्ट्रपति को मिला अमेरिकी राष्ट्रपति का संदेश

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने संदेश में कहा कि एक आदिवासी महिला का राष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है. मुर्मू का निर्वाचन इस बात का प्रमाण है कि जन्म नहीं, व्यक्ति के प्रयास उसकी नियति तय करते हैं.

Next Article

Exit mobile version