Ranchi News : डॉ रोज की जीवटता और दृढ़ता थी बेमिसाल

डॉ रोज केरकेट्टा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा

By SUNIL PRASAD | April 27, 2025 12:49 AM

रांची. साहित्यकार व सामाजिक अगुआ डॉ रोज केरकेट्टा की स्मृति में शनिवार को डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में श्रद्धांजलि सभा हुई. संचालन डॉ रोज केरकेट्टा के पुत्र सोनल केरकेट्टा ने किया. उपस्थित लोगों ने स्व रोज केरकेट्टा की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उनसे जुड़ी स्मृतियों को साझा किया. उनके व्यक्तित्व और कार्यों को याद किया गया. यह आयोजन डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान, प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, जनवादी लेखक संघ और इप्टा द्वारा किया गया था. सभा में श्रावणी ने कहा कि उनके साथ बिताये क्षण आनंददायक और संघर्षपूर्ण दोनों थे. काम के प्रति उनका जुनून प्रेरणादायी है. श्रीनिवास ने कहा कि डॉ रोज से पारिवारिक रिश्ता रहा. उनके व्यक्तित्व में जो जीवटता और दृढ़ता थी, वह बेमिसाल है. उन्होंने झारखंड आंदोलन को शांति के साथ आकार दिया. साहित्य रचना में भी सक्रिय रहीं. उनकी कमी हमेशा खलेगी. रणेंद्र ने कहा कि उनका व्यक्तित्व पिता स्व डॉ प्यारा केरकेट्टा की वजह से बना. वो सिर्फ शिक्षक नहीं, साहित्यकार, आंदोलनकारी, कवयित्री, लेखिका भी रहीं. इबरार ने कहा कि झारखंड की कला-संस्कृति पर काम करते हुए डॉ रोज से काफी कुछ सीखने को मिला. डॉ किरण ने कहा कि वह ऐसी स्त्री थीं, जो अपने विचारों में बिलकुल दृढ़ थीं. उनसे आदिवासी साहित्य को जानने-समझने का मौका मिला. रतन तिर्की ने कहा कि डॉ रोज केरकेट्टा ने झारखंड आंदोलन में जिस तरह से महिलाओं को जोड़ा, वह अदभुत था. जनजातीय शोध संस्थान की मोनिका टूटी ने कहा कि उस जमाने में एक महिला होकर आंदोलनकारी भी बनना सहज नहीं होगा. पर वे काफी दृढ़ थीं और उनके व्यक्तित्व में गंभीरता थी. मौके पर रविभूषण, रतन तिर्की, दीपक बाड़ा सहित अन्य ने भी विचार रखे.

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