हजारीबाग में रामनवमी जुलूस में DJ बैन, सदन में मनीष जायसवाल ने फाड़ा कुर्ता, कहा- क्या हिंदू होना गुनाह ?

हजारीबाग में रामनवमी पर डीजे के प्रतिबंध और करीब 5000 लोगों पर FIR करने के मामले पर हजारीबाग से विधायक मनीष जायसवाल ने सदन में जमकर विरोध किया और इस फैसले को वापस लेने की मांग की. सरकार की ओर से इसपर कोई जवाब नहीं आने के कारण उन्होंने अपना कुर्ता फाड़ कर विरोध जताया.

By Aditya kumar | March 21, 2023 2:47 PM

Ramnavmi In Hazaribagh : झारखंड में विधानसभा की कार्यवाही जारी है. ऐसे में सदन में कई मुद्दों पर बात हो रही है. इसी बीच हजारीबाग में रामनवमी पर डीजे के प्रतिबंध और करीब 5000 लोगों पर FIR करने के मामले पर हजारीबाग से विधायक मनीष जायसवाल ने सदन में जमकर विरोध किया और इस फैसले को वापस लेने की मांग की. सरकार की ओर से इसपर कोई जवाब नहीं आने के कारण उन्होंने अपना कुर्ता फाड़ कर विरोध जताया.

5 हजार लोगों पर 107 क्यों लगाया ?

सदन से निकलकर मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि रामनवमी के विषय पर पहले दिन से सदन को जानकारी दे रहे है. कई विधायकों ने इसपर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है और निर्णय का विरोध कर रहे है. ऐसे में पूरा विपक्ष ये जानना चाहता है कि क्या हम तालिबान में रह रहे है जो रामनवमी पर भी इस तरह की पाबंदियां लगाई गयी है. लेकिन सरकार का कोई भी जवाब नहीं आ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि डीजे पर प्रतिबंध और 5 हजार लोगों पर 107 लगाया गया वह भी ऐसे लोग पर जो बच्चे है, शिक्षक है और उनका कोई भी आपराधिक रिकार्ड नहीं है.

क्यों नहीं बजेगा डीजे ?

उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर डीजे नहीं बजेगा तो क्यों नहीं बजेगा इसका कारण भी बताना होगा. हजारीबाग में धरने पर बैठे लोगों पर केस दर्ज किया गया. आमरण अनशन पर बैठे लोगों की स्थिति गंभीर है लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है. डेजी वालों से रात में दो बजे तक बॉन्ड भरवाया जा रहा है कि वो डेजी नहीं देंगे. क्लब वालों को डराया जा रहा है कि डीजे के साथ जुलुश निकालने पर कार्रवाई की जाएगी. तो ऐसे में हम विपक्ष होने के नाते बस जानना चाह रहे है कि आखिर ऐसा क्यों ? क्या हमलोग तालिबान में रहते है, क्या झारखंड में हिंदू होना गुनाह है. ऐसे ही कई सवाल उन्होंने सरकार से किए.

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विपक्ष के मांग को दरकिनार किया

बता दें कि सदन से निकलकर मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने सरकार और स्पीकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के मांग को दरकिनार किया जा रहा है और इस तरह का निर्णय क्रूर फरमान है. राज्य के कई मुद्दों पर हम सरकार का ध्यान खींचना चाह रहे है. नियोजन नीति पर भी हम सरकार का पक्ष जानना चाहते है. इस मामले में मुख्यमंत्री का बयान भी आना है लेकिन शायद यह सदन के आखिरी दिन आए ताकि विपक्ष उसपर अपनी प्रतिक्रिया ना रख पाए.

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