वित्तीय वर्ष 2023-24 में बिरसा हरित ग्राम योजना के विस्तार के लिए चर्चा, बैठक में लिए गए ये निर्णय

मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से आम बागवानी, अमरूद बागवानी, छायादार वृक्षारोपण किया जाएगा. उक्त बातें ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने एफoएफoपीo बिल्डिंग के सभागार में आयोजित राज्य बागवानी सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करने के दौरान कहीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2023 7:09 PM

रांची : आम की बागवानी के अलावा अन्य फलदार पौधे जैसे- अमरूद, निंबू, नाशपाती, शरीफा, बेर, कटहल, सहजन की बागवानी को बढ़ावा देना है. मिश्रित फलदार पौधों की बागवानी को प्रोत्साहित करना है. मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से आम बागवानी, अमरूद बागवानी, छायादार वृक्षारोपण किया जाएगा. उक्त बातें ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने एफoएफoपीo बिल्डिंग के सभागार में आयोजित राज्य बागवानी सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करने के दौरान कहीं.

बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बिरसा हरित ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु मनरेगा एवं JSLPS के सभी प्रतिनिधियों को वर्ष 2023-24 में होने वाले बागवानी योजना के लिए पुनः प्रशिक्षण दिया जाएगा. बैठक में कई निर्णय लिए गए है.

Also Read: बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, राजीव अरुण एक्का और विशाल चौधरी के खिलाफ दिए कई ‘सबूत’

बैठक में लिए गए निर्णय

  • SHG की दीदीयों द्वारा संचालित दीदी बगिया योजना उद्यमियों को फलदार पौधा तैयार करने हेतु प्रशिक्षण एवं अन्य सहायता प्रदान किया जाए ताकि गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन नर्सरी में किया जा सके. दीदी बगिया योजना अन्तर्गत स्थापित नर्सरियों का Registration JSLPS के माध्यम से National Horticulture Board में कराने पर विचार करने का भी निर्णय लिया गया.

  • बागवानी सखियों को समय पर क्षमतावर्धन एवं उन्हें तकनीकी रूप से और सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षित करना आवश्यक है, क्योंकि लाभुकों द्वारा किये जा रहे बागवानी में इनके द्वारा निरंतर तकनीकी सलाह दी जाती है. अतः उन्हें प्रशिक्षित कर उनके द्वारा बागवानी अंतर्गत किए गए कार्य की एवज में ससमय मजदूरी भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

  • बागवानी योजना के सफल क्रियान्वयन बड़े पैमाने पर करना तभी संभव है. जब योजना में सहयोग हेतु पंचायत / प्रखण्ड एवं जिला स्तर पर आवश्यक मानव संसाधन की तैनाती की जाय. अतः इस कार्य हेतु कमेटी के सदस्यों द्वारा तसर विकास फाउंडेशन के प्रतिनिधि के साथ समन्वय स्थापित कर वृक्षारोपण हेतु आवश्यक मानव संसाधन से संबंधित एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया, ताकि विभाग स्तर से इस संबंध में अग्रेतर कार्रवाई की जा सके.

  • बिरसा हरित ग्राम योजना अन्तर्गत अभिसरण के तहत JSLPS के द्वारा बागवानी में ड्रिप इरीगेशन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया.

  • सलाहकार समिति के सदस्य जिन संस्थानों से जुड़े है उनके कार्य क्षेत्र / जिलों में संचालित बागवानी योजना के साथ उनको जोड़ने का कार्य किया जाय ताकि समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण के दौरान पौधों की वर्तमान स्थिति पर नजर रखी जा सके एवं उनको तकनीकी सलाह भी दी जा सके. साथ ही तकनीकी सेल राज्य और जिला में गठित किया जाएगा.

  • बिरसा हरित ग्राम योजना अन्तर्गत आम के पौधों के अतिरिक्त झारखण्ड के वातावरण के अनुकूल उगाने योग्य अन्य फल यथा नाशपाती, नारंगी, निंबू, अमरूद, कटहल, खजूर, शरीफा इत्यादि के अतिरिक्त बांस, सहजन को भी शामिल करने के विचार पर सहमति बनी. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक जिला अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में होने वाले कुल बागवानी के कम-से-कम 25 प्रतिशत क्षेत्र में मिश्रित फल की बागवानी सुनिश्चित किया जाय.

बैठक में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी, संयुक्त सचिव ग्रामीण विकास विभाग अरुण कुमार सिंह, वन विभाग के पदाधिकारीगण ,कृषि, जेएसएलपीएस, केंद्रीय तसर प्रशिक्षण संस्थान, निदेशक आइआइआरजी, निदेशक कृषि अनुसंधान ,कृषि विज्ञान केंद्र, जेएसडब्ल्यूएम टीआरआईएफ निदेशक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version