80 से 90 प्रतिशत स्कॉलरशिप देता है AAKASH, बोले सीईओ दीपक मेहरोत्रा

Deepak Mehrotra Interview: आकाश इंस्टीट्यूट के सीईओ दीपक मेहरोत्रा ने कहा है कि किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई पैसे की वजह से नहीं रुके, इसलिए उनका इंस्टीट्यूट अलग-अलग स्कॉलरशिप के जरिये गरीब मेधावी स्टूडेंट्स को 80 से 90 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप देता है. बच्चों के भविष्य को लेकर आकाश के सीईओ ने और क्या-क्या बातें कहीं, आप भी पढ़ें.

By Mithilesh Jha | April 17, 2025 3:26 PM

Deepak Mehrotra Interview| रांची में आकाश इंस्टीट्यूट के 2 नये ब्रांच की शुरुआत की गयी है. साथ ही आकाश इनविक्टस कैंपस का भी शुभारंभ किया गया है. इसके उद्घाटन के अवसर पर आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के एमडी-सह-सीईओ दीपक मेहरोत्रा बुधवार को रांची में थे. उन्होंने प्रभात खबर के साथ बातचीत में बताया कि झारखंड में 16 नये ब्रांच खोले गये हैं, ताकि यहां के छात्रों को जेइइ, नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दूसरे शहरों में न जाना पड़े. पेश है दीपक मेहरोत्रा से बातचीत के प्रमुख अंश.

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आकाश इंस्टीट्यूट छात्रों की बेहतरी के लिए किन-किन चीजों पर ध्यान दे रहा है?

हम वर्तमान समय में मांग को देखते हुए छात्रों को अप्लीकेशन आधारित शिक्षा दे रहे हैं. गहराई से तैयारी कराते हैं. हमारे संस्थान के 4 बुनियादी आधार हैं, जिसके तहत सबसे बेहतर कोर्स महैया कराया जाता है. हमारे फैकल्टी के पास लगभग दो दशक का अनुभव है. आकाश केयर की सुविधा है, जहां छात्रों को तनाव मुक्त रखने का प्रयास किया जाता है. काउंसलिंग भी की जाती है. हम टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, जिसमें एआइ टूल्स को जोड़ा जा रहा है.

जेइइ एडवांस्ड की तैयारी के लिए छात्रों को क्या टिप्स देंगे?

जेइइ एडवांस्ड की तैयारी के लिए इनविक्टस में 35 दिनों का क्रैश कोर्स शुरू किया जा रहा है. इसमें बेहतर कोर्स वेयर तैयार किये गये हैं, जिससे कोई भी स्टूडेंट जुड़ सकता है. अभी छात्रों को प्रेशर लेने की आवश्यकता नहीं है. मन को शांत रखते हुए रिवीजन करें. रिजल्ट की चिंता न करें. पिछले वर्षों में पूछे गये सवालों को हल करें.

ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए क्या सुविधाएं हैं?

आर्थिक रूप से कमजोर और गर्ल चाइल्ड की परेशानियों को देखते हुए कई पहल की जा रही है. इस साल झारखंड में 16 नये ब्रांच खोले गये हैं, जो छोटे-छोटे शहरों में हैं. इससे छात्र-छात्राओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. खर्च कम होगा. अभिभावक की देख-रेख में तैयारी कर सकेंगे. हमारी सोच है कि अगर आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं, तो आगे की पढ़ाई से वंचित नहीं हो सकते. इसलिए हम एंट्रेस टेस्ट के माध्यम से टैलेंट असेसमेंट करते हैं और 80-90 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप देते हैं.

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