दूसरी लहर में झारखंड के 93 फीसदी ग्रामीण इलाके रहे संक्रमण से मुक्त, 31 हजार से ज्यादा गांव में संक्रमण की पुष्टि नहीं

यानी संक्रमण के फैलाव की जितनी आशंका व्यक्त की जा रही थी, उससे इसका प्रसार काफी कम रहा. राज्य में 32612 गांव हैं, जिसमें अधिकतर गांवों की स्क्रीनिंग हो चुकी है. रविवार को कुछ गांवों में स्क्रीनिंग की गयी, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि 25899617 व्यक्तियों की जांच में मात्र 978 संक्रमित मिले हैं.

By Prabhat Khabar | June 7, 2021 6:29 AM

Coronavirus Update Jharkhand Second Wave रांची : राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के फैलाव की जानकारी के लिए ग्रामीण इलाकों में जांच अभियान चला रही है. इसके लिए रैपिड एंटीजन से 25 मई से पांच जून तक लोगों की जांच करायी गयी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा पांच जून तक जांच कराये गये आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 5217688 घरों के 25899617 लोगों की कोरोना जांच की गयी, जिसमें मात्र 978 में संक्रमण की पुष्टि हुई है.

यानी संक्रमण के फैलाव की जितनी आशंका व्यक्त की जा रही थी, उससे इसका प्रसार काफी कम रहा. राज्य में 32612 गांव हैं, जिसमें अधिकतर गांवों की स्क्रीनिंग हो चुकी है. रविवार को कुछ गांवों में स्क्रीनिंग की गयी, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि 25899617 व्यक्तियों की जांच में मात्र 978 संक्रमित मिले हैं.

रविवार की जांच में यह आंकड़ा ज्यादा से ज्यादा 1000 तक पहुंचेगा. यानी एक गांव से औसतन एक संक्रमित मिले. ऐसे में 31612 गांव में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर में 93 से 94 फीसदी गांव संक्रमण से मुक्त रहे. साफ है कि ग्रामीण इलाकों के बजाय शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस का फैलाव तेजी से हुआ.

ग्रामीण इलाकों में हुए घर-घर सर्वे के बाद स्वास्थ्य विभाग का दावा

  • 52,17,688 घरों में हुई कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग

  • 32,612 गांवों में अधिकतर की हो चुकी है स्क्रीनिंग

  • 2,58,99,617 लोगों की हुई जांच, इनमें सिर्फ 978 संक्रमित मिले

कोरोना का फैलाव ग्रामीण इलाकों में बहुत कम हुआ है. शनिवार तक की रिपोर्ट में हम जितने ग्रामीणों की स्क्रीनिंग कर चुके हैं, उसके हिसाब से कोरोना का फैलाव बहुत कम रहा है. वर्तमान आंकड़ों के हिसाब से राज्य के 93-94 फीसदी ग्रामीण इलाकों में कोरोना का फैलाव नहीं हुआ है.

सुधीर त्रिपाठी, नोडल अफसर, आइइसी

Posted By : Sameer Oraon

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