लोगों में जागरूकता बढ़ाने को लेकर Audit Week का आयोजन, वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने की शिरकत

रांची के डोरंडा में ऑडिट सप्ताह का आयोजन हुआ. इसमें झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और लोक उपक्रम समिति के सभापति सरयू राय ने शिरकत की. देश भर में आगामी 24 नवंबर तक ऑडिट सप्ताह का आयोजन हो रहा है.

By Samir Ranjan | November 23, 2022 9:03 PM

Jharkhand News: देश के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor General-CAG) संस्थान के ऐतिहासिक उदगम और सुशासन में इसके योगदान तथा वर्षों से पारदर्शिता तथा जवाबदेही को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऑडिट दिवस (Audit Week) मनाया जा रहा है. पूरे देश में आगामी 24 नवंबर तक आयोजित ऑडिट दिवस के माध्यम से लोगों के CAG के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्टेकहोल्डर के बीच पारस्परिक क्रिया कलाप पर जोर दिया गया.

वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और विधायक सरयू राय हुए शामिल

रांची के डोरंडा स्थित पलाश सभागार में आयोजित ऑडिट सप्ताह में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और लोक उपक्रम समिति के सभापति सरयू राय उपस्थित थे. इस मौके पर झारखंड राज्य के गठन के बाद महालेखाकार झारखंड ऑफिस की उपलब्धियों को बताया गया. कहा गया कि महालेखाकार कार्यालय को AG ऑफिस के नाम से जाना जाता है. इस ऑडिट सप्ताह में महालेखाकार (लेखा परीक्षा) अनूप फ्रांसिस डुंगडुंग तथा उपस्थित गणमान्य अतिथियों द्वारा देश के नियंत्रक महालेखा परीक्षक संस्थान के कार्यकलाप एवं महालेखाकार (लेखा परीक्षा) कार्यालय की उपलब्धियों के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये गये.

महालेखाकार झारखंड ऑफिस का ऑडिट रिपोर्ट

राज्य के वित्त (Finance), प्राप्ति लेखापरीक्षा (Receipt Audit), वाणिज्यिक लेखापरीक्षा (Commercial Audit) और सिविल लेखापरीक्षा (Civil Audit) पर राज्य का लेखापरीक्षा रिपोर्ट भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार किया जाता है. राज्य स्वायत्त निकायों (State Autonomous Bodies-SAB) की अलग लेखापरीक्षा रिपोर्ट (Separate Audit Report-SAR) भी तैयार की जाती है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं (Centrally Sponsored Schemes- CSS) के लिए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की केंद्रीय लेखापरीक्षा रिपोर्ट के लिए सामग्री झारखंड से संबंधित प्रदान की जाती है.

8800 करोड़ के राजस्व की हानि

राजस्व क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (झारखंड सरकार की रिपोर्ट संख्या 4 वर्ष 2016) 31 मार्च, 2016 के मध्यम से यह बतलाया गया कि सरकारी भूमि का सही प्रबंधन नहीं होने से 1971-72 से 2014-15 की अवधि में 8800 करोड़ के राजस्व से सरकार को वंचित रहना पड़ा है. इनमें मुख्य मुद्दा सलामी लगान, उपकर का वसूली नहीं किया जाना, स्टील लिमिटेड, जमशेदपुर द्वारा लीज राइट दूसरे कंपनी को स्थानांतरित करना, पट्टे का नवीनीकरण नहीं कराया जाना, भूमि पर अतिक्रमण, भूमि/फ्लैट को अवैध तरीके से ब्रिक्री करना मुख्य है.

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