Dhoni का करियर चमकाने से लेकर JSCA स्टेडियम बनवाने तक, अमिताभ चौधरी ने रांची को ऐसे दिलायी ग्लोबल पहचान

अमिताभ चौधरी का झारखंड में खेलों खास कर क्रिकेट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. रांची में जेएससीए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण करवाना उनका सबसे बड़ा योगदान रहा. इसके साथ ही उन्होंने रांची को अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलायी.

By Prabhat Khabar | August 17, 2022 1:24 PM

Jharkhand News: अमिताभ चौधरी का झारखंड में खेलों खास कर क्रिकेट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. रांची में जेएससीए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण करवाना उनका सबसे बड़ा योगदान रहा. 1999 में अमिताभ चौधरी ने बीसीए (बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. इसके एक साल बाद झारखंड अलग राज्य बना और आइपीएस होने के नाते उन्हें झारखंड कैडर मिला. 2002 में अमिताभ चौधरी बीसीसीआइ के सदस्य बने. 2005 में झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) के अध्यक्ष बने. 2003-09 तक अलग-अलग टर्म में वह टीम इंडिया के मैनेजर रहे. वह दो टर्म खेल निदेशक भी रहे.

एडीजी के पद पर रहते हुए ली ऐच्छिक सेवानिवृत्ति

अमिताभ चौधरी 29 नवंबर 2000 से 17 सितंबर 2002 तक जमशेदपुर के एसपी रहे. जमशेदपुर एसपी के रूप में उनका कार्यकाल भी चर्चित रहा था़ जमशेदपुर के कुख्यात अपराधी जोगा राव, दुघई यादव और बागबेड़ा इलाके के भीम महली पर लगाम लगा वहां लोगों को राहत पहुंचायी थी. वर्ष 2002 में वह पलामू के डीआइजी, 2003 में स्पेशल ब्रांच के डीआइजी, 2003 में डीआइजी सह निदेशक, कला संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग, 2006 में मानवाधिकार आइजी, सीआइडी आइजी, 2009 में आइजी सह विशेष सचिव गृह विभाग के पद पर रहे़ 2013 में एडीजी के पद पर रहते हुए पुलिस विभाग से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली.

साल 1999 का चुनाव हारे

1999 में अमिताभ चौधरी ने टाटा के खिलाफ बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का चुनाव लड़ा. उस वक्त टाटा के लोग ही एसोसिएशन पर प्रभाव रखते थे. कीनन स्टेडियम भी उन्हीं के नियंत्रण में था. अमिताभ चौधरी ये चुनाव हार गये. झारखंड बनने के बाद साल 2001 में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ झारखंड (सीएजे) का गठन हुआ और बिष्टुपुर एसएनटीआइ में सीएजे का चुनाव हुआ. रमेश सक्सेना सचिव व उदित सरकार उपाध्यक्ष चुने गये. इस चुनाव में अमिताभ चौधरी (जो जमशेदपुर के एसपी थे) उन्होंने नॉमिनेटेड प्रेसीडेंट चुना गया. 15 अगस्त 2004 में अमिताभ चौधरी ने सीएजे व बीसीए को एकजुट करते हुए जेएससीए (झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) के नाम से सोसाइटी एक्ट में रजिस्टर्ड कराया.

रांची को दिया क्रिकेट स्टेडियम

अमिताभ चौधरी का क्रिकेट के प्रति झुकाव बहुत था. 2006 में क्रिकेट मैच के लिए कीनन स्टेडियम नहीं मिलने के कारण उन्होंने जेएससीए के लिए एक स्टेडियम बनाने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने कई जिलों में जमीन देखी. 2008 में उनकी यह तलाश पूरी हुई और एचइसी के तत्कालीन सीएमडी जेके पिल्लई का सहयोग मिला और एचइसी क्षेत्र में स्टेडियम के लिए जमीन पसंद किया गया. 99 साल के लिए जेएससीए व एचइसी के बीच एमओयू हुआ. उनके प्रयास से रिकॉर्ड सवा तीन साल में स्टेडियम बन कर तैयार हो गया.

धौनी समेत अन्य खिलाड़ियों को किया सपोर्ट

अमिताभ चौधरी ने प्रतिभावान खिलाड़ियों का हमेशा सपोर्ट किया. महेंद्र सिंह धौनी हो, सौरभ तिवारी या ईशान किशन, वह हमेशा इनके लिए खड़े रहे. वर्ष 2003 में महेंद्र सिंह धौनी का चयन भारतीय ए टीम में हुआ. तब धौनी ने जिंबाब्वे व केन्या दौरे में शानदार प्रदर्शन किया. इसके बाद 2004 नवंबर में धौनी का चयन बांग्लादेश जाने वाली भारतीय टीम में किया गया. धौनी की योग्यता, क्षमता को लेकर उन्होंने बीसीसीआइ और दूसरे लोगों के सामने माही का पूरा सपोर्ट किया था.

सुदेश महतो को हरा कर बने थे अध्यक्ष

2005 में जेएससीए का सबसे हाई प्रोफाइल व हाई वोल्टेज चुनाव बोकारो में हुआ, जहां अमिताभ चौधरी के खिलाफ उस वक्त के तत्कालीन डिप्टी सीएम व गृहमंत्री सुदेश महतो ने अध्यक्ष पद के लिए चुना लड़ा. इस चुनाव में टाटा स्टील ने सुदेश महतो को सपोर्ट किया था. 14 मई 2006 को अमिताभ चौधरी बोकारो चुनाव में 101 वोट से विजयी हुए.

34वें नेशनल गेम्स में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

34वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी 2007 में झारखंड को मिली. 2003 में चौधरी को खेल निदेशक बनाया गया. उन्हीं के प्रयास से मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू हुआ.

16 साल जेएससीए के अध्यक्ष रहे

अमिताभ चौधरी 16 साल जेएससीए के अध्यक्ष रहे. 2016 में लोढ़ा कमिशन की रिपोर्ट के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा. 2016-19 तक वह बीसीसीआइ के एक्टिंग सेक्रेटरी के पद पर रहे.

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