सुखदेव बने मुख्य सचिव व राजीव सीएम के प्रधान सचिव

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह एक अप्रैल से झारखंड के नये मुख्य सचिव होंगे. 31 मार्च को वर्तमान मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी की सेवानिवृत्ति के बाद वह राज्य के 22वें मुख्य सचिव का प्रभार ग्रहण करेंगे.

By Shaurya Punj | March 29, 2020 2:28 AM

रांची : गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह एक अप्रैल से झारखंड के नये मुख्य सचिव होंगे. 31 मार्च को वर्तमान मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी की सेवानिवृत्ति के बाद वह राज्य के 22वें मुख्य सचिव का प्रभार ग्रहण करेंगे. डॉ. तिवारी काे तीन माह का सेवा विस्तार देने पर चर्चा भी हुई, लेकिन सरकार मुख्य सचिव किसी नए अधिकारी को बनाना चाहती है.

वहीं, श्रम विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है. श्री एक्का सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, जेबीवीएनएल के एमडी व श्रमायुक्त के अतिरिक्त प्रभार में भी थे. उनको स्थानांतरित करते हुए मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया है. इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गयी है.

1987 बैच के आइएएस अफसर हैं सुखदेव सिंह

राज्य के नये मुख्य सचिव सुखदेव सिंह 1987 बैच के आइएएस अफसर हैं. वह अविभाजित बिहार के समय से वर्तमान झारखंड के कई जिलों में एसडीओ और उपायुक्त के रूप में पदस्थापित रहे हैं. श्री सिंह राज्य गठन के समय राजधानी रांची के उपायुक्त थे. उनकी पहली पोस्टिंग सिंहभूम के धालभूम में बतौर एसडीओ हुई थी. श्री सिंह पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन व मधु कोड़ा के प्रधान सचिव के रूप में काम कर चुके हैं.

मधुबनी के डीएम रहे हैं राजीव अरुण एक्का

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का 1994 बैच के आइएएस अफसर हैं. अविभाजित बिहार में वह मधुबनी के डीएम रह चुके हैं. झारखंड में वह चाईबासा और रांची के उपायुक्त के रूप में भी पदस्थापित रहे हैं. उसके बाद वह श्रम, कल्याण समेत कई विभागों के सचिव के रूप में काम कर चुके हैं. पंचायती राज विभाग में रहते हुए उन्होंने ग्रामीण व्यवस्था मजबूत करने के लिए बेहतर काम किया है.

डिप्रभा लकड़ा को केंद्र से अनुमति नहीं मिलने पर एक्का की संभावना बनी

सीएम के प्रधान सचिव पद के लिए पहले दो नाम पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनय चौबे और पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी डिप्रभा लकड़ा आए थे. चौबे उस समय अनिच्छुक दिखे तो सरकार ने उन्हें नगर विकास सचिव बना दिया. वहीं अब डिप्रभा पर केंद्र से अनुमति नहीं मिलने पर राजीव अरुण एक्का के नाम पर मंथन शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार सीएम केंद्र की मंजूरी का ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे.

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