पेट्रोल पंप की स्ट्रीट लाइट में पढ़ता है बच्चा
बेटे के सपनों के लिए मां कर रही तपस्या
प्रतिनिधि, रातू.
जहां एक ओर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित घरों में भी बच्चे पढ़ाई से दूर होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक मां ऐसी भी है जो अपने बेटे के उज्ज्वल भविष्य के लिए हर अंधेरे से लड़ रही है. यह तस्वीर कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड स्थित सुकुरहुटू के चौधरी फ्यूल स्टेशन की स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ते बच्चे और उसे पढ़ाती उसकी मां की है. जानकारी के अनुसार आठ वर्षीय बच्चे एलएक्स मुंडा के पिता का निधन सात साल पहले हो चुका है. पति की मृत्यु के बाद मां नूतन टोप्पो पर ही परिवार की पूरी जिम्मेदारी आ गयी. वर्तमान समय में एलएक्स सुकुरहुटू के ग्रेटर रांची पब्लिक स्कूल में यूकेजी का छात्र है. सीमित संसाधनों और आर्थिक तंगी के बावजूद एक मां ने हार नहीं मानी. दिनभर पेट्रोल पंप में मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह जीवनयापन करने के बाद रात होते ही वह अपने बेटे को लेकर पेट्रोल पंप की स्ट्रीट लाइट के नीचे पहुंच जाती है, जहां रोशनी के सहारे वह अपने बच्चे को पढ़ाती है.घर है सुविधाविहीन :
घर में बिजली की पर्याप्त व्यवस्था न होने व आर्थिक तंगी के कारण मां ने सड़क की रोशनी को ही ज्ञान का माध्यम बना लिया है. ठंडी रातें हों या थकान से भरा शरीर मां की आंखों में सिर्फ एक ही सपना है कि उसका बेटा पढ़-लिखकर एक बेहतर इंसान बने और गरीबी व मजबूरी के इस चक्र से बाहर निकले. स्थानीय लोगों के अनुसार, यह दृश्य रोज देखने को मिलता है. मां खुद भले ही ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हो, लेकिन वह पूरी लगन से अपने बेटे को पढ़ाई के लिए प्रेरित करती है. बच्चे की आंखों में भी भविष्य को लेकर उम्मीद और आत्मविश्वास साफ झलकता है.कोई सहारा नहीं, पंप ही एकमात्र सहारा :
बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित नूतन टोप्पो से पूछा गया कि, वह बच्चे को घर में हीं क्यों नहीं पढ़ाती है? तो उसकी आंखे डबडबा गयी. भाव विभोर होकर उसने कहा कि बच्चे के पिता की मृत्यु के बाद वह अकेली सदस्य है. ऐसे में नौकरी के साथ-साथ बच्चे का पूरा भविष्य भी उसकी जिम्मेवारी है. एक मां अंधेरे में भी अपने बच्चे के भविष्य की रोशनी की तलाश रही है.बेटे के सपनों के लिए मां कर रही तपस्याB
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