यूपीएससी परीक्षा परिणाम : रांची के शांतनु को 89वां रैंक

राज्य के छह विद्यार्थी 100 रैंक के अंदर... झारखंड से 19 से अधिक विद्यार्थियों को मिली सफलता प्रभात खबर टोली रांची : यूपीएससी की परीक्षा में झारखंड के विद्यार्थियों ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया. अब तक मिली सूचना के अनुसार, राज्य के 19 से अधिक विद्यार्थियों ने सफलता पायी है. इनमें छह विद्यार्थियों ने 100 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2015 4:12 AM

राज्य के छह विद्यार्थी 100 रैंक के अंदर

झारखंड से 19 से अधिक विद्यार्थियों को मिली सफलता

प्रभात खबर टोली

रांची : यूपीएससी की परीक्षा में झारखंड के विद्यार्थियों ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया. अब तक मिली सूचना के अनुसार, राज्य के 19 से अधिक विद्यार्थियों ने सफलता पायी है. इनमें छह विद्यार्थियों ने 100 के अंदर रैंक हासिल किया है. जमशेदपुर की नेहा ने अखिल भारतीय स्तर पर 22 वां रैंक हासिल किया है. अब तक की सूचना के अनुसार, नेहा को झारखंड में सबसे बेहतर रैंक हासिल हुआ है. जमशेदपुर की ही नेहा कुमारी दुबे को 26 वां रैंक मिला है. झारखंड में नेहा दुबे दूसरे स्थान पर रही. देवघर के अनुनय झा को 57 वां रैंक मिला है. साहेबगंज के ऋतु राज को 69 वां रैंक मिला है.

रांची के रहनेवाले शांतनु शर्मा ने 89 रैंक लाया है. शांतनु को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है. उसने पिलानी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. शांतनु ने मेदिनीनगर से भी पढ़ाई की है. बोकारो के आदित्य को 99 वां रैंक मिला है. आदित्य इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं. रांची के सृजन शांडिल्य को 106 वां रैंक मिला है. न्यू मोरहाबादी निवासी सृजन ने बिट्स पिलानी से बीटेक की डिग्री हासिल की है. यहीं से इकोनॉमिक्स में मास्टर की डिग्री भी हासिल की है.

सृजन के पिता सतीश चौधरी पीडब्ल्यूडी विभाग में एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. मां रंजना बाल संरक्षण आयोग से जुड़ी हैं. सृजन का पैतृक आवास साहेबगंज में है. मेदिनीनगर के प्रियांशु पांडेय को 234 और धनबाद की अमृता सिन्हा को 238 वां रैंक मिला है. बोकारो के अजीत को 266 वां रैंक मिला है. अजीत मिनिस्टरी ऑफ कॉमर्स व इंडस्ट्रीज में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. रांची के विनय प्रियेश लकड़ा को 528 वां स्थान प्राप्त हुआ है.

छोटा या बड़ा शहर मायने नहीं रखता : शांतनु शर्मा

परीक्षा की तैयारी के लिए छोटा या बड़ा शहर मायने नहीं रखता. इंटरनेट की सुविधा सभी जगहों पर उपलब्ध है. कहीं रह कर इसके माध्यम से तैयारी की जा सकती है. लक्ष्य निर्धारित कर ईमानदारी के साथ मेहनत की जाये, तो ऐसा कोई कारण नहीं जब सफलता हाथ नहीं लगेगी.