रांची : सबको मौका देती है प्रकृति: जसिंता

रांची : झारखंड की युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए के हार्वर्ड इंडिया कॉंफ्रेंस में शिरकत की़ वह इस कांफ्रेंस में शामिल होने वाली झारखंड की सबसे कम उम्र की और पहली कवि, लेखिका व स्वतंत्र पत्रकार हैं, जो आदिवासी पृष्ठभूमि की है़ं ‘इन्वायरमेंटल जस्टिस’ सत्र में उन्होंने कहा कि किसी के साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2020 8:49 AM
रांची : झारखंड की युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए के हार्वर्ड इंडिया कॉंफ्रेंस में शिरकत की़ वह इस कांफ्रेंस में शामिल होने वाली झारखंड की सबसे कम उम्र की और पहली कवि, लेखिका व स्वतंत्र पत्रकार हैं, जो आदिवासी पृष्ठभूमि की है़ं
‘इन्वायरमेंटल जस्टिस’ सत्र में उन्होंने कहा कि किसी के साथ कैसे न्याय किया जाये, इसका सबसे अच्छा उदाहरण हमें प्रकृति देती है़ इससे सीखना चाहिए कि यह कैसे जीव-जंतुओं और मनुष्यों के साथ न्याय करती है़ वह सबको अपनी स्वतंत्रता और विशिष्टता के साथ जीने के लिए जगह देती है़ उन्होंने कहा कि आदिवासियों का जंगल से गहरा रिश्ता है़ उनके लिए जंगल, नदी सब किसी परिवार की तरह होते हैं, जिसकी परवाह करना वे अपनी जिम्मेवारी समझते है़ं पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं का समाधान जानने के लिए जल, जंगल, जमीन से जुड़े लोगों को सुनना जरूरी है़ इसी से समाधान निकलेगा़
स्वतंत्र पत्रकारिता का अनुभव साझा किया : वहीं, ‘वाॅचिंग द वाचमैन’ सत्र में जसिंता ने स्वतंत्र पत्रकारिता के अपने अनुभव साझा किये़ उन्हाेंने कहा कि स्वतंत्र पत्रकार होने पर हम उन पहलुओं की भी बात कर पाते हैं, जिनकी मुख्यधारा की मीडिया चर्चा नहीं करती़ हम पूरी संवेदनशीलता और निर्भीकता से अपनी बात रख पाते है़ं आज समय व समाज, दोनों को ही स्वतंत्र पत्रकार और पत्रकारिता की जरूरत है़

Next Article

Exit mobile version