चालान काटते वक्त दस्तावेज नहीं हैं, तो इसे दिखाने का नहीं मिलेगा समय

रांची : मोटरयान (संशोधन) बिल लागू होने के बाद लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक सवाल के जवाब में रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने कहा कि यातायात उल्लंघन पर चालान काटने के समय अगर कोई व्यक्ति यह कहे कि उनके पास सभी दस्तावेज है. उसे दिखाने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 10, 2019 2:54 AM

रांची : मोटरयान (संशोधन) बिल लागू होने के बाद लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक सवाल के जवाब में रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने कहा कि यातायात उल्लंघन पर चालान काटने के समय अगर कोई व्यक्ति यह कहे कि उनके पास सभी दस्तावेज है. उसे दिखाने के लिए उन्हें समय दिया जाये, तो समय देने का कोई प्रावधान नियम में नहीं किया गया है. प्रभात खबर ने आमलोगों की परेशानियों से जुड़े कुछ ऐसे ही सवाल ट्रैफिक एसपी से पूछे, जिसके जवाब उन्होंने दिये. पेश है उसके अंश :

1. यातायात उल्लंघन में जुर्माना कटने पर फाइन कितने दिनों में भरना पड़ेगा?
चालान मिलने पर ऑनलाइन या काउंटर पर जाकर या फिर तत्काल भी जमा किया जा सता है. जुर्माना जमा करने की अधिकतम अवधि 15 दिन है.
2. जुर्माना कटते समय वाहन संबंधी कागजात नहीं हो, तो क्या कागजात दिखाने के लिए समय देने का प्रावधान है?
ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
3. लाइसेंस ओरिजनल लेकर चलना है या फॉटो कॉपी में लोगों का काम चल जायेगा?
फोटो काॅपी से भी काम चल जायेगा. डाउट होने पर कागजात जब्त किया जा सकता है. तब 15 दिन में उक्त व्यक्ति को ओरिजनल कागजात प्रस्तुत करना होगा.
4.वाहन के सभी कागजात दुरुस्त हैं. लेकिन जिस वक्त पुलिस गाड़ी पकड़ती है, उस वक्त कागजात उनके पास नहीं होता, ऐसे में क्या कागजात दिखाने के लिए पुलिस समय देगी?
मोटर व्हीकल एक्ट में समय देने का कोई प्रावधान नहीं है.
5. हवाई चप्पल पहनकर लोग वाहन चला सकते हैं या नहीं?
चप्पल पहन कर वाहन चलाने पर जुर्माना का प्रावधान नहीं है, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह ठीक नहीं है.
6. क्या वाहन संबंधी कागजात का फोटो लोग अपने मोबाइल में लेकर चलें, तो इससे काम चल जायेगा?
मोटर व्हीकल एक्ट 139 में डीजी लॉकर या एम परिवहन एप से मोबाइल में डाउनलोड किया दस्तावेज ही मान्य होगा.
7. अगर किसी व्यक्ति के घर में कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़े जाये. उसके पास उस वक्त सिर्फ दो पहिया वाहन की ही व्यवस्था है, तो क्या वह बीमार को किसी व्यक्ति के सहयोग से अस्पताल ले जाने के क्रम में उसका भी चालान कट सकता है.
देखिए, मोटर व्हीकल एक्ट 136ए के तहत अगर कोई बीमार व्यक्ति को ले जा सकता है, उसे गुड फेथ में जाने दिया जायेगा.
8. किसी परिचित को लिफ्ट देकर बैठाने पर अगर उनके पास हेलमेट नहीं होगा, तो क्या जुर्माना कटेगा?
हां, बिल्कुल कट जायेगा. हेलमेट तो पीछे वाले को भी पहनना पड़ेगा.
9. कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बस की सुविधा नहीं है. वहां पर अभिभावक बाइक से दो बच्चों को स्कूल पहुंचाते हैं. उनके पास दूसरा विकल्प नहीं है. वे क्या करें?
पुलिस अभी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है. लेकिन भविष्य में कार्रवाई की जा सकती है.
10. जिस व्यक्ति का दोपहिया या चारपहिया वाहन का समय 15 वर्ष पूरा हो चुका है, वह क्या करें?
उनका पॉल्यूशन व बीमा अपडेट है, तो कोई दिक्कत नहीं है.
11. इतना बड़ा अभियान शुरू किया गया है, क्या इसके लिए पूरी तरह से ट्रैफिक पुलिस के जवानों को प्रशिक्षित किया गया है.
यह अभियान नहीं, रूटीन काम है. इसके लिए जवानों को प्रशिक्षित किया गया है.
12 . ट्रैफिक पुलिस हेलमेट नहीं हाेने पर एक हजार रुपये का चालान काटती है. इसकी जगह अगर चालान काटने के साथ इसी पैसे में लोगों को हेलमेट दे दिया जाता, तो सभी लाेग हेलमेट पहने नजर अाते.
इस पर ट्रैफिक पुलिस कुछ नहीं कर सकती. इस संबंध में सरकार के आदेश पर ही कुछ हो सकता है.
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट सबको साथ लेकर चलना जरूरी
सभी वाहनों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जरूरी है. सरकार द्वारा अधिकृत केंद्र ही पॉल्यूशन की जांच कर सर्टिफिकेट दे सकता है. डीजल गाड़ियों का पॉल्यूशन लेबल जांच के लिए उसके एक्सलेटर का पूरी तरह दबाने के बाद पॉल्यूशन का स्तर लिया जाता है. इस प्रक्रिया को पांच बार दोहराने के बाद उसका औसत निकालकर उसका पॉल्यूशन लेबल तय किया जाता है.
वहीं, पेट्रोल गाड़ियों का पॉल्यूशन जांच के लिए एक्सलेटर को पूरी तरह नहीं दबाया जाता. इसी दौरान उसका एक बार में भी पॉल्यूशन लेबल लिया जाता है. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का सीरियल नंबर, गाड़ी का नंबर, जांच करने की तिथि, एक्सपायरी डेट और पॉल्यूशन के स्तर का उल्लेख करना जरूरी है. गाड़ी के साथ पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर चलना जरूरी है.

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