रांची : आज रिम्स में ओपीडी का बहिष्कार करेंगे जूनियर डॉक्टर, मरीजों को होगी परेशानी

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में होगा आंदोलन रांची : नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के विरोध में सोमवार को रिम्स के जूनियर डॉक्टर ओपीडी का बहिष्कार करेंगे. इससे ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को परेशानी हो सकती है. रिम्स में रोजाना 1200 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. एनएमसी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 5, 2019 9:17 AM
नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में होगा आंदोलन
रांची : नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के विरोध में सोमवार को रिम्स के जूनियर डॉक्टर ओपीडी का बहिष्कार करेंगे. इससे ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को परेशानी हो सकती है. रिम्स में रोजाना 1200 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. एनएमसी के विरोध और ओपीडी बहिष्कार को लेकर रविवार को रिम्स अॉडिटाेरियम में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन(जेडीए) के बैनर तले एक बैठक भी हुई.
बैठक में प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. इसमें विद्यार्थियों से राय ली गयी कि सोमवार को अोपीडी संचालित होने देना है या नहीं. जेडीए द्वारा बताया गया कि एनएमसी बिल से कैसे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की तैयारी की जा रही है.
जेडीए ने रिम्स टीचर्स एसोसिएशन से अनुरोध किया है कि वह उनके ओपीडी बहिष्कार में सहयोग करें. ओपीडी को बंद रखें. हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं को जेडीए के इस आंदोलन से अलग रखा गया है. गौरतलब है कि इससे पूर्व भी जूनियर डाॅक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार किया था, जिसमें 900 मरीजों को बिना इलाज के बैरंग लौटना पड़ा था.
आयुष्मान भारत’ को कंज्यूमर प्रोटेक्शन से अलग करे सरकार
रांची : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), झारखंड स्टेट हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (झासा) और रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) की संयुक्त बैठक रविवार को करमटोली चौक स्थित आइएमए भवन में हुई. इसमें आयुष्मान भारत योजना, कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, क्लिनिक इस्टैब्लिशमेंट एक्ट और नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) पर विचार विमर्श किया गया.
डॉक्टरों ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना सरकार की मत्वाकांक्षी योजना है, जिसका डाॅक्टर भी समर्थन करते हैं, लेकिन इलाज के पैकेज में विसंगतियां हैं. छोटी व बड़ी दोनों सर्जरी की दर एक है.
वहीं, डॉक्टरों ने सरकार से आयुष्मान भारत योजना से कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट को हटाने की मांग की. डॉक्टरों ने कहा कि सरकार द्वारा एनएमसी के प्रावधानाें में स्पष्टता नहीं है. एग्जिट इग्जाम में पीजी की परीक्षाएं कैसे ली जायेगी, इस पर स्पष्ट नीति की जानकारी देने की मांग की गयी. जेडीए अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार ने कहा कि एग्जिट एग्जाम से झोलाछाप डॉक्टरोें का रास्ता साफ होगा. मौके पर डाॅ अजय सिंह, डॉ बिमलेश सिंह, डॉ पवन कुमार वर्णवाल, डॉ निशित एक्का, डॉ राजेश कुमार सहित कई डॉक्टर मौजूद थे.

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