कांग्रेस-झामुमो के बीच कई सीटों पर फंसा पेच, हेमंत सोरेन ने कहा- 41 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

झामुमो विधायक दल की बैठक में बनी सहमति, चुनाव से पहले होगी पदयात्रा रांची : झामुमो विधायक दल की बैठक में महागठबंधन को लेकर विधायकों ने सहमति तो दी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि झामुमो को कम से कम इतनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए जिससे कि वह बहुमत में रहे. बैठक के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2019 7:27 AM
झामुमो विधायक दल की बैठक में बनी सहमति, चुनाव से पहले होगी पदयात्रा
रांची : झामुमो विधायक दल की बैठक में महागठबंधन को लेकर विधायकों ने सहमति तो दी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि झामुमो को कम से कम इतनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए जिससे कि वह बहुमत में रहे.
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि हम कम से कम 41 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. यह भी कहा कि यह तय है कि झामुमो हमेशा से गठबंधन का पक्षधर था और आगे भी रहेगा. सबसे बड़ा दल होने के नाते झामुमो का यह स्वाभाविक हक बनता है कि वह गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े.
इस बात को गठबंधन के दलों को समझना भी होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा को भगाने के लिए सामान विचारधारा वाले सभी दलों का गठबंधन होगा. उन्होंने कहा कि बैठक में विधायकों ने राय दी कि संगठन में ऊर्जा भरने के लिए सभी जिले में उनका कार्यक्रम हो. इसी बात को ध्यान में रखकर मैंने यह तय किया है कि सभी जिलों में जल्द पदयात्रा के लिए निकलेंगे. साथ ही यह भी कहा कि धानरोपनी के बाद रांची में एक विशाल रैली और जनसभा होगी दोनों की तिथि बहुत जल्द घोषित की जायेगी. इसमें यदि महागठबंधन के अन्य दल भी शामिल होंगे, तो उनका भी स्वागत है.
मुद्दों की कमी नहीं : हेमंत ने कहा कि यह सच है कि लोकसभा चुनाव में हम उम्मीद से कम सीट जीत सके. इसका यह मतलब ेेनहीं है कि हम क्लीन बोल्ड हो गये हैं. झारखंड में हमारी नींव मजबूत है. जन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जायेंगे. संघर्ष यात्रा की तरह फिर से झामुमो यात्रा शुरू करेगा. संगठन को धारदार बनाया जायेगा.
उन्होंने कहा कि जनता को यह बतायेंगे कि किस तरह से सरकार राज्य की वित्तीय व्यवस्था को चौपट कर जनता के पैसे को अधिकारियों के द्वारा सरकारी मिशनरी का दुरुपयोग कर लूट रही है. उन्होंने कहा कि गांव से शहर तक समस्याओं का अंबार है और सरकार को जुमला गढ़ने से फुर्सत नहीं है.
…तो दूर तलक जायेगी बात : सोहराई भवन मामले में हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने कोई गलत काम नहीं किया है. इस मामले में मुख्यमंत्री मुख्य भूमिका में हैं. अपने पाप को ढंकने के लिए वह सिर्फ सोरेन परिवार का नाम लेते हैं.
उन्होंने कहा कि हमने गलत किया है, किसी को ठगा है तो उसका याचिकाकर्ता कौन है. वह आगे आये हम उसका स्वागत करेंगे. लेकिन इस तरह से बेवजह परेशान किया जायेगा, तो ये बातें दूर तलक जायेंगी. राज्य के वरीय पुलिस पदाधिकारी जमीन और कोयला लूटने में लगे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती. मॉब लिंचिंग से राज्य का नाम देश ही नहीं विदेशों में बदनाम हो रहा है इसकी चिंता सरकार को नहीं है.
कांग्रेस-झामुमो के बीच कई सीटों पर पेच
रांची़ : इधर महागठबंधन में फिलहाल सीटिंग सीट का फॉर्मूला तय हुआ है़ 32 सीटों पर समझौता का खाका तैयार किया गया है़ कांग्रेस-झामुमो के बीच करीब 10 सीटों पर मामला फंस सकता है़ कांग्रेस की कई सीटिंग सीटों पर झामुमो के दावेदार ताल ठोंक रहे हैं, वहीं झामुमो की सीट पर कांग्रेस के आला नेताओं की नजर है़ पाकुड़ से कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम हैं, वहीं इस सीट पर झामुमो के मजबूत दावेदार पूर्व विधायक अकील अख्तर दावा ठोक रहे है़ं
वहीं मधुपुर सीट पर झामुमो की दावेदारी है, जबकि इस सीट से कांग्रेस नेता फुरकान अंसारी भी ताल ठोकने का मन बना रहे है़ं गांडेय विधानसभा सीट पर कांग्रेस के डॉ सरफराज अहमद की दावेदारी है, लेकिन इस सीट पर झामुमो की पकड़ रही है़ इधर, विश्रामपुर में कांग्रेस नेता ददई दुबे के बेटे अजय दुबे तीसरे स्थान पर रहे थे़ वे कांग्रेस के प्रबल दावेदार है़ं
जबकि इस सीट से अंजू सिंह दूसरे स्थान पर रही थीं. वह झामुमो में शामिल हो गयी है़ं ऐसे में इस सीट पर झामुमो दावा कर सकता है. पांकी का मामला भी सुलझाना होगा़ पांकी से कांग्रेस के बिट्टू सिंह विधायक है़ं कांग्रेस से उनकी दूरी बढ़ी है़ वहीं, इस सीट पर झामुमो बेहतर प्रदर्शन करता रहा है़ बिट्टू ने इधर-उधर किया, तो झामुमो दावा कर सकता है़ कांग्रेस के लिए सिसई की सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी है़ इस सीट से पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव चुनाव लड़ती रहीं है़ं कांग्रेस हर हाल में इस सीट पर अड़ेगी, वहीं सिसई में झामुमो के झींगा मुंडा दूसरे स्थान पर रहे है़ं
ऐसे हालात में यह सीट गठबंधन में रोड़ा बनेगी. इधर घाटशिला विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आला नेता प्रदीप बलमुचु की नजर है़ यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है़ लेकिन इस सीट से झामुमो के रामदास सोरेन, श्री बलमुचु को शिकस्त दे चुके है़ं फिलहाल यह सीट भाजपा के कब्जे में है.
लक्ष्मण टुडू यहां से विधायक है़ं लेकिन यूपीए महागठबंधन में इस सीट पर तकरार तय माना जा रहा है़ यूपीए को इस राजनीतिक पेच से बाहर निकलना होगा़ वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में गठबंधन में ऐसी गुत्थियों को सुलझा कर ही रास्ता साफ करना होगा़ गठबंधन के घटक दलों के दबाव से बाहर निकलना होगा़ कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद सभी अपनी-अपनी सीटों के लिए अड़ेंगे़
किस सीट पर अड़चन
पाकुड़, मधुपुर, गांडेय, विश्रामपुर, पांकी, सिसई, घाटशिला़

Next Article

Exit mobile version