विकास और राष्ट्रीय स्वाभिमान के मुद्दे पर NDA झारखंड में सभी 14 सीटों पर क्लीन स्वीप करेगी

रांची : भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने दावा किया है कि विकास और राष्ट्रीय स्वाभिमान के मुद्दे पर एनडीए के प्रत्याशी सभी 14 सीटों पर जीतेंगे. एनडीए पूरे झारखंड में क्लीन स्वीप करेगी. भाजपा कार्यालय में गुरुवार को आयोजित एनडीए के घटक दलों के प्रवक्ताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 9, 2019 3:17 PM

रांची : भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने दावा किया है कि विकास और राष्ट्रीय स्वाभिमान के मुद्दे पर एनडीए के प्रत्याशी सभी 14 सीटों पर जीतेंगे. एनडीए पूरे झारखंड में क्लीन स्वीप करेगी. भाजपा कार्यालय में गुरुवार को आयोजित एनडीए के घटक दलों के प्रवक्ताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया गया.

प्रेस वार्ता को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, आजसू के प्रदेश प्रवक्ता हसन अंसारी, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार और लोजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश तिवारी ने संबोधित किया. सभी ने कहा कि झारखंड में NDA के सभी घटक दल एकजुट होकर अभियान चला रहे हैं. इसका सकारात्मक परिणाम दिख रहा है. सभी 14 सीटों पर एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ आगे है.

प्रवक्ताओं ने कहा की जमीनी स्तर पर भी एनडीए के घटक दलों के कार्यकर्ताओं में बेहतर समन्वय है. कहा कि लंबे इंतजार के बाद देश को नरेंद्र मोदी के रूप में युगपुरुष प्रधानमंत्री मिला है. कहा कि मोदी को विपक्ष अब तक 50 तरह की गालियां दे चुका है. लेकिन, जनता इन गालियों का जवाब बैलट से देगी. प्रवक्ताओं ने कहा की कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) आदिवासी-मूलवासी विरोधी है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि CNT की धारा 21 और एसपीटी की धारा 13 में संशोधन का प्रस्ताव कर कृषि भूमि को गैर कृषि उपयोग हेतु गैर कृषि लगान लेने के प्रस्ताव को सर्वप्रथम झामुमो के मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने 2 मई, 2011 को अनुमोदन दिया था. इसलिए जेएमएम को सीएनटी-एसपीटी के मुद्दे पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

प्रवक्ताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन ने स्थानीय नीति को परिभाषित करने के मुद्दे पर अर्जुन मुंडा से समर्थन वापस लिया था. 14 महीने तक वह प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन्होंने खुद इस काम को नहीं किया. इससे लाखों युवा उस काल में सरकारी नौकरियों से वंचित रह गये.

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