”अंधकार अंधकार को मिटा नहीं सकता, केवल प्रकाश ही ऐसा कर सकता है”

रांची : रविवार को अंजुमन इस्लामिया रांची और विभिन्न मुस्लिम सामाजिक संगठनों के द्वारा श्रीलंका में हुए आतंकी हमले की निंदा करने और हमारे ईसाई भाइयों के साथ एकजुटता और भाईचारे को प्रकट करने के लिए एक शांति अभियान की शुरुआत की गयी. पीड़ितों को सांत्वना देने और अपनी सहानुभूति प्रेम और शांति प्रदान करने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2019 5:57 PM

रांची : रविवार को अंजुमन इस्लामिया रांची और विभिन्न मुस्लिम सामाजिक संगठनों के द्वारा श्रीलंका में हुए आतंकी हमले की निंदा करने और हमारे ईसाई भाइयों के साथ एकजुटता और भाईचारे को प्रकट करने के लिए एक शांति अभियान की शुरुआत की गयी.

पीड़ितों को सांत्वना देने और अपनी सहानुभूति प्रेम और शांति प्रदान करने के उदेश्य से हम सब एकजुटता के संदेश के साथ आज सुबह 6 बजे संत जॉन चर्च मिशन चौक डॉ कामिल बुल्के पथ स्थिति चर्च के बाहर नारे और सलोगन लिखे तख्ती बैनर के साथ खड़े होकर यह दिखाने की कोशिश की कि हम एकजुट रहें और नफरत हमें विभाजित नहीं कर सकती.

आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है. धार्मिक कट्टरता और उन्माद आतंकवाद की जननी है. हम सब अपने ईसाई भाई के दुख की इस घड़ी में साथ खड़े हैं. बैनर और तख्तों में इस तरह के नारे लिखे हुए थे. धार्मिक कट्टरता नफरत और उन्माद.

कुछ इस प्रकार के थे स्‍लोगन

और न कर पाए विश्व को बर्बाद, नफरत का जहर, ना बरपाए कहर.

धर्माधंता जब बढ़ती है, आतंक की नींव पड़ती है.

प्रेम का संदेश फैलाना है, आतंकवाद को मिटाना है.

धार्मिक कट्टरता ने कब ये जाना है, मस्जिद है या गिरजा कब पहचानना है.

किसने फिजा में नफरत का जहर बोया, किसी ने मां, किसी ने अपना लाल खोया.

प्रेम, दया, करुणा और सम्मान, मानवता की बस यही पहचान.

प्रत्येक मानव का एक नारा, न छीने कोई हमसे भाईचारा.

इसी तरह का एक और कार्यक्रम झारखंड के सिमडेगा में भी आयोजित किया गया. आज के इस आयोजन में मुख्य रूप से अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष इबरार अहमद, मौलाना ताजहीबुल हसन, डॉ एम एन जुबैरी, मो. गियासुद्दीन, डॉ तहसीन जमा खान, एडवोकेट जैद, सैय्यद इबरार, सय्यद मेराज हसन, प्रो शकील, सुहैल अख्तर, खालिद सैफुल्लाह, हसनैन, खलील, मतीउर रहमान, नवाब भाई, सईद अहमद, असदुल्लाह, अरशद, जावेद, सरफराज, सलाहुद्दीन, शोएब, कासिफ, अब्दुल अजीज, इम्तियाज, तनवीर अहमद आदि मुख्‍य रूप से मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version