डॉ डीके तिवारी बने राज्य के 23वें मुख्य सचिव, सुखदेव सिंह विकास आयुक्त

रांची : 1986 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ डीके तिवारी राज्य के 23वें मुख्य सचिव होंगे. चुनाव आयोग ने डॉ तिवारी को मुख्य सचिव बनाये जाने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है. शनिवार की देर रात राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय को आयोग द्वारा इसकी सूचना प्रदान की गयी. राज्य सरकार द्वारा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 31, 2019 2:20 AM

रांची : 1986 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ डीके तिवारी राज्य के 23वें मुख्य सचिव होंगे. चुनाव आयोग ने डॉ तिवारी को मुख्य सचिव बनाये जाने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है. शनिवार की देर रात राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय को आयोग द्वारा इसकी सूचना प्रदान की गयी.

राज्य सरकार द्वारा रविवार को अधिसूचना जारी करने के बाद डॉ तिवारी राज्य के नये मुख्य सचिव के रूप में पदस्थापित होंगे. वह रविवार शाम चार बजे प्रभार ग्रहण कर सकते हैं.
वहीं, चुनाव आयोग ने विकास आयुक्त और वित्त सचिव के रूप में पदस्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की है. आयोग ने वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव के रूप में पदस्थापित 1987 बैच के आइएएस सुखदेव सिंह को विकास आयुक्त बनाने की अनुशंसा मंजूर की है.
वहीं, कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल को वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार िदया गया.
चुनाव आयोग ने दी मंजूरी
कार्मिक के अपर मुख्य सचिव खंडेलवाल को वित्त सचिव का अतिरिक्त प्रभार
वकील भी हैं डीके तिवारी
आइएएस डॉ देवेेंद्र कुमार तिवारी ने एमबीबीएस व लॉ की डिग्री भी हासिल की है. आइएएस अफसर बनने के पहले उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से एमबीबीएस (1977-1982) की डिग्री हासिल की.
फिर उन्होंने एलएलबी (लॉ) की भी डिग्री हासिल की. आइएएस अफसर बनने के बाद 1998-99 में मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी (यूके) से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स विषय पर एमए किया. डॉ तिवारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहनेवाले हैं. उनका जन्म 1960 में बुंदेलखंड (यूपी) के म्होबा में हुआ था. म्होबा और ललितपुर से उनकी स्कूली शिक्षा हुई थी.
1986 बैच के आइएएस अफसर डॉ तिवारी बिहार कैडर के अफसर थे. राज्य बंटवारा के बाद उनका कैडर झारखंड हुआ. उन्होंने 1988-90 में मसौढ़ी (पटना) के एसडीएम पद से कैरियर की शुरुआत की. वहीं किशनगंज व छपरा के डीएम रहे. बीपीडीपी में प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे.
झारखंड में वह उत्पाद आयुक्त, आइजी रजिस्ट्रेशन के साथ ही भवन निर्माण, जल संसाधन विभाग, उत्पाद विभाग स्वास्थ्य विभाग के सचिव रहे. 2010-13 तक वह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर रहे. फिर मानव संसाधन विकास विभाग व योजना विभाग के भी प्रधान सचिव रहे. वर्ष 2014-17 तक प्रधान स्थानिक आयुक्त झारखंड भवन रहे. अभी वह राज्य के विकास आयुक्त हैं.
उनकी पत्नी अलका तिवारी 1988 बैच की आइएएस अफसर हैं. फिलहाल वह केमिकल व फर्टिलाइजर मंत्रालय भारत सरकार में एडिशनल सेक्रेटरी व फाइनांसियल एडवाइजर हैं. उनके एक भाई उत्तर प्रदेश व एक भाई पंजाब में सीनियर आइएएस अफसर हैं. डॉ तिवारी का पुत्र बोस्टन के मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है. पुत्री अधिवक्ता हैं.

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