रांची : नगर निगम की दो टीमें करेंगी एसटीएफ में शामिल फर्जी सफाईकर्मियों का सत्यापन

रांची : रांची नगर निगम के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में नियुक्त सफाईकर्मियों के सत्यापन के लिए अपर नगर आयुक्त गिरिजा शंकर प्रसाद ने दो टीमें गठित की है. ये टीमें कुल चार जोन में बीते छह माह से एसटीएफ में कार्यरत सभी सफाईकर्मियों की वास्तविकता का सत्यापन करेंगी. एक टीम को दो जोन की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 15, 2019 7:46 AM
रांची : रांची नगर निगम के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में नियुक्त सफाईकर्मियों के सत्यापन के लिए अपर नगर आयुक्त गिरिजा शंकर प्रसाद ने दो टीमें गठित की है. ये टीमें कुल चार जोन में बीते छह माह से एसटीएफ में कार्यरत सभी सफाईकर्मियों की वास्तविकता का सत्यापन करेंगी. एक टीम को दो जोन की जिम्मेदारी दी गयी है.
जांच के दौरान सफाईकर्मियों से पूछा जायेगा कि उन्होंने नगर निगम में रहते हुए क्या काम किया है? वे काम भी करते थे या केवल हाजिरी ही बनते थे? इन सफाईकर्मियों के बायोमिट्रिक और मैनुअल दोनों तरह के अटेंडेंस का भी सत्यापन किया जायेगा. अपर नगर आयुक्त ने 15 मार्च तक जांच रिपोर्ट मांगी है.
दरअसल, फरवरी में नगर निगम के स्वास्थ्य पदाधिकारी और अपर नगर आयुक्त को गुप्त सूचना मिली थी जोनल सुपरवाइजर सफाईकर्मियों के नाम पर हर माह लाखों रुपये का हेराफेरी कर रहे हैं.
इन्होंने ऐसे सफाईकर्मियों को नियुक्त किया है, जिनका सफाई कार्य से दूर-दूर कोई वास्ता नहीं है. ऐसे लोग केवल हाजिरी बनाते हैं और महीने के अंत में वेतन उठाते हैं. शिकायत के साथ ऐसे 16 सफाईकर्मियों की सूची भी सौंपी गयी थी, जिनके बारे में बताया गया था कि इन्होंने कभी सफाई का काम नहीं किया है.
मैनेजर साहब भी हैं टीम में : अपर नगर आयुक्त द्वारा गठित टीम में एक सिटी मैनेजर ऐसे भी हैं, जिनका आरोपी जोनल सुपरवाइजर के साथ गहरा याराना है. रोज शाम को ये मैनेजर आरोपी सुपरवाइजर के साथ बैठकर जाम भी छलकाते हैं. ऐसे में इनके द्वारा की गयी जांच कितनी निष्पक्ष होगी, यह देखने वाली बात है.
क्या है एसटीएफ : नगर निगम ने शहर के 53 वार्ड को चार जोन में बांटा है. एक जोन में 10 से 15 वार्ड रखे गये हैं. हर जोन की देखरेख के लिए एक जोनल सुपरवाइजर को नियुक्त किया गया है.
इन जोनल सुपरवाइजरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के इन वार्डों में विशेष सफाई अभियान चलाने के लिए 50 सफाईकर्मियों की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) बना सकते हैं. आरोप है कि नगर निगम से मिले इसी अधिकार का फायदा उठाकर इन जोनल सुपरवाइजरों ने फर्जी सफाईकर्मियों का नाम इंट्री कर लाखों रुपये के वारे-न्यारे कर लिये.

Next Article

Exit mobile version