रांची : इटकी मेडिको सिटी से कंपनियों ने हाथ खींचा, अब नये सिरे से होगा टेंडर

निजी कंपनियों ने निवेश की शर्तों को लेकर भी जतायी आपत्ति अॉनलाइन टेंडर भरा, लेकिन अॉफलाइन पेपर जमा नहीं किया रांची : इटकी मेडिको सिटी निर्माण में एक बार फिर से अड़चन आ गयी है. इस बार आरएफक्यू के लिए चयनित मेडिट्रिना और ब्लू सफायर ने अपना हाथ खींच लिया है. इस कारण विभाग अब […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 10, 2019 8:28 AM
निजी कंपनियों ने निवेश की शर्तों को लेकर भी जतायी आपत्ति
अॉनलाइन टेंडर भरा, लेकिन अॉफलाइन पेपर जमा नहीं किया
रांची : इटकी मेडिको सिटी निर्माण में एक बार फिर से अड़चन आ गयी है. इस बार आरएफक्यू के लिए चयनित मेडिट्रिना और ब्लू सफायर ने अपना हाथ खींच लिया है. इस कारण विभाग अब पांचवीं बार इसकी निविदा निकालेगी. पीपीपी मोड पर इटकी मेडिको सिटी के निर्माण करने का प्रस्ताव है, लेकिन टेंडर में शर्तों को लेकर या तो कंपनियां आ नहीं रही हैं, या चयनित होने के बाद वापस हो जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि इटकी मेडिको सिटी के निर्माण के लिए सरकार ने 30 प्रतिशत सीट बीपीएल के नि:शुल्क इलाज की रखी थी.यह शर्त तब बनी थी जब आयुष्मान भारत योजना लांच नहीं हुई थी. अब कंपनियों का कहना है कि जब आयुष्मान भारत से नि:शुल्क इलाज हो ही रहा है तब बीपीएल परिवारों के नि:शुल्क इलाज की शर्त हटा दी जाये. विभागीय सूत्रों ने बताया कि अब जब नये सिरे से निविदा जारी होगी, तब इसकी शर्तों में कुछ बदलाव किया जायेगा, ताकि कंपनियां यहां आ सकें.
70 एकड़ में डेवलप की जायेगी मेडिको सिटी: गौरतलब है कि मेडिको सिटी 70 एकड़ में डेवलप की जायेगी, जिसमें विभाग जमीन उपलब्ध करायेगी और पूंजी निवेश निजी कंपनियों को करना होगा. यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप(पीपीपी) मोड में इसे विकसित किया जायेगा. बदले में सरकार 30 प्रतिशत मरीजों का इलाज अपने निर्धारित दरों पर करायेगी. वहीं, मेडिकल सीटों में भी 30 प्रतिशत सीट राज्य सरकार अपने लिए आरक्षित कराने की शर्त रखी है. सरकार इसे पूर्वी भारत का मेडिकल हब के रूप में विकसित करना चाहती है.
क्या-क्या बनेगा
1. लॉट ए-26.11 एकड़ : मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
100 सीट एवं 500 बेड का मल्टी स्पेशियालिटी अस्पताल होगा
30 प्रतिशत बेड झारखंड सरकार द्वारा चयनित मरीजों के इलाज में रिम्बर्स होगा
अन्य मरीजों को इलाज में बाजार दर के हिसाब से सेवा मिलेगी
एडमिशन का 30 प्रतिशत सीट स्टेट कोटा के लिए आरक्षित होगा
छह वर्षों तक सरकार राजस्व का पांच प्रतिशत लेगी और इसके बाद 10 प्रतिशत लेगी
2. लॉट बी1 -20 एकड़ : मेडिकल एजुकेशन हब
नर्सिंग कॉलेज (बीएससी नर्सिंग-100 सीट,एएनएम-30 सीट,जीएनएम-40 सीट, एमएससी नर्सिंग)
फार्मास्यूटिकल कॉलेज (बी फार्मा-60 सीट, एम. फार्मा-30 सीट)
पारामेडिकल कॉलेज (डीएमएलटी, डीएमआरटी, डीसीसीटी, डीपीटी, डीआइपी आइसीयू टेक, डीआइपी इमरजेंसी एंड फर्स्ट एड, ओटी टेक, डीआइपी डायलिसिस टेक)
30 प्रतिशत सीट स्टेट कोटा के लिए आरक्षित होगा
3. लॉट बी2-15 एकड़ : सुपर स्पेशियालिटी सेंटर अॉफ एक्सीलेंस फॉर एनसीडी
कार्डियिक-100 बेड
डायबिटिक सेंटर-30 बेड
सेंटर फॉर क्रोनिक रेसपिराटरी डिजीज-50 बेड
ड्रग रिहैब-30 बेड
30 प्रतिशत बेड झारखंड के मरीजों के लिए आरक्षित होगा
4. लॉट डी-1-6.4 एकड़ : आयुष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
50 सीट व 100 बेड का होगा
30%सीट स्टेट कोटा के लिए आरक्षित होगा
30% बेड भी झारखंड के मरीजों के लिए आरक्षित

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