पर्यावरण बचाना व गरीबी दूर करना दोनों महत्वपूर्ण : मुख्य सचिव

रांची : शिकागो यूनिवर्सिटी ट्रस्ट और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) झारखंड के उद्योगों के प्रदूषण के मामले की रेटिंग करेगा. इसके लिए दोनों संस्थाओं के बीच मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की उपस्थिति में शुक्रवार को एमओयू किया गया. श्री त्रिपाठी ने बताया कि पर्यावरण को आम लोगों का विषय बनाने की जरूरत है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 2, 2019 2:07 AM
रांची : शिकागो यूनिवर्सिटी ट्रस्ट और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) झारखंड के उद्योगों के प्रदूषण के मामले की रेटिंग करेगा. इसके लिए दोनों संस्थाओं के बीच मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की उपस्थिति में शुक्रवार को एमओयू किया गया.
श्री त्रिपाठी ने बताया कि पर्यावरण को आम लोगों का विषय बनाने की जरूरत है. आज भी लोग पर्यावरण के महत्व को समझ नहीं रहे हैं. जब तक समझेंगे तब तक काफी देर हो जायेगी.
ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी जिम्मेदारी है कि वह लोगों को इसके महत्व को समझाने के लिए कार्यक्रम करें. प्रदूषण के मामले में सभी स्टेक होल्डर की भावना का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. जितना जरूरी पर्यावरण को बचाना है, उतना ही जरूरी गरीबी को दूर करना भी है.
केवल एक दिशा में हम नहीं चल सकते हैं. विकास आयुक्त डॉ डीके तिवारी ने कहा कि प्रदूषण के बाद होनेवाली परेशानियों से अच्छा है कि इसके बचाव के उपाय हों. इसमें बोर्ड की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. पीसीसीएफ डॉ संजय कुमार ने कहा कि दोनों संस्थाएं मिलकर अच्छा काम करेंगी.
इस तरह का प्रयास करने वाली तीसरा पीसीबी
स्टार रेटिंग जैसा प्रयास करने वाला झारखंड देश का तीसरा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हो गया है. इससे पूर्व ओडिशा और महाराष्ट्र अपने यहां उद्योगों की रेटिंग करा रहा है. झारखंड का प्रयास होगा कि वायु के साथ-साथ पानी के प्रदूषण मानक की भी रेटिंग हो. फिलहाल उद्योगों के पीएम-10 और पीएम-2.5 के आधार पर रेटिंग होगी.
राज्य में इस श्रेणी में करीब 81 उद्योग आते हैं. दोनों संस्था मिल कर क्षमता वृद्धि का काम भी करेंगी. प्रशिक्षण का काम भी चलाया जायेगा. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्शी ने किया. यूनिवर्सिटी के शिकागो ट्रस्ट की कंट्री डायरेक्टर डॉ लेनी चौधरी ने भी विचार रखा.

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