वनों पर आश्रित कोई भी जनजातीय व अन्य अपने स्थान से विस्थापित नहीं होगा : CM रघुवर

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खेल गांव, रांची के गेस्ट हाउस में एक अहम समीक्षा बैठक कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के (C) NO 109/2008 की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिया कि न्यायादेश के आलोक में पुनर्विचार हेतु राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटिशन) दायर करेगी. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कार्रवाई करने का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 25, 2019 5:29 PM

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खेल गांव, रांची के गेस्ट हाउस में एक अहम समीक्षा बैठक कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के (C) NO 109/2008 की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिया कि न्यायादेश के आलोक में पुनर्विचार हेतु राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटिशन) दायर करेगी.

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया. राज्य के जनजातीय समुदायों एवं अन्य परिवारों के बारे में उन्होंने यह स्पष्ट कहा कि उन्हें विस्थापित नहीं किया जायेगा. सरकार वनों पर आश्रित जनजातीय एवं अन्य परिवारों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है.

जल सहिया को मिला सम्‍मान

इससे पूर्व जल सहिया सम्‍मेलन में मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने राज्‍य की सभी जल सहिया को एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने राज्य की जल सहिया बहनों को मार्च 2019 से एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय राशि देने की घोषणा की. इसके अतिरिक्त अलग से प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की. यह राशि डीवीटी के माध्यम से सीधे जल सहिया दीदियों के बैंक अकाउंट में भेजा जायेगा.

उन्होंने कहा कि जल सहिया बहनों की लंबी समय से मांग थी कि उन लोगों को मानदेय नहीं मिलता है. सरकार द्वारा उनकी मांगों को गंभीरता से लिया गया तथा राज्य के प्रत्येक जल सहिया बहनों को 1000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा दी गयी. जल सहिया बहनों के लिए किया गया वादा आज हमारी सरकार ने पूरी की है. जल सहिया बहनों को उनके द्वारा की जा रही गतिविधियों के लिए अलग से प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी.

Next Article

Exit mobile version