पिठोरिया : अपनी संस्कृति और परंपरा को निभाते हुए समय के साथ चलें

महाराजा मदरा मुंडा काल की पारंपरिक शासन व्यवस्था देख अंग्रेज व मुगल भी थे प्रभावित : समीर उरांव पिठोरिया : महाराजा मदरा मुंडा सेवा संस्थान ट्रस्ट के तत्वावधान में रविवार को सुतियांबेगढ़ में मुंडा, मानकी, पड़हा राजा, मांझी परगना पहान, पुजार, नायके महासम्मेलन का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि खूंटी सांसद कड़िया मुंडा ने कहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 25, 2019 8:46 AM
महाराजा मदरा मुंडा काल की पारंपरिक शासन व्यवस्था देख अंग्रेज व मुगल भी थे प्रभावित : समीर उरांव
पिठोरिया : महाराजा मदरा मुंडा सेवा संस्थान ट्रस्ट के तत्वावधान में रविवार को सुतियांबेगढ़ में मुंडा, मानकी, पड़हा राजा, मांझी परगना पहान, पुजार, नायके महासम्मेलन का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि खूंटी सांसद कड़िया मुंडा ने कहा कि मुंडा समाज का इतिहास रामायण काल से भी पुराना है.
इनकी चर्चा महाभारत में भी है, जिसे भील जाति के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति व परंपरा का निर्वह्न करते हुए समय के साथ चलने की जरूरत है. सही समय पर सही काम करने से उसके परिणाम अच्छे मिलते हैं.
विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि महाराजा मदरा मुंडा के काल में जो पारंपरिक शासन व्यवस्था थी, उसे हमारे संविधान में भी जगह मिली है. पारंपरिक शासन व्यवस्था को देख यहां अंग्रेज और मुगल भी दंग रह गये थे. वे यहां व्यापार करने आये थे पर हमारी व्यवस्था को भंग करने के लिए उन्होंने हमें भ्रमित कर फूट डाला व शासन किया. सम्मेलन में पूर्व विधायक कोचे मुंडा, खिजरी विधायक रामकुमार पाहन, जगलाल पाहन, जेठा नाग सहित कई लोगों ने विचार रखे.
समाज से एकजुट होकर अपनी पारंपरिक धरोहर व संस्कृति संजोकर रखने की बात कही. धर्मांतरण से बचने की सलाह दी. मंच संचालन सोमा उरांव व धन्यवाद ज्ञापन मुखिया मुंडा ने किया. कार्यक्रम के आयोजन में वीणा मुंडा, पहलवान सिंह मुंडा, रवि पहान, प्रदीप उरांव, रंजन पाहन सहित समाज के लोगों का योगदान रहा.

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