रांची : एचइसी में हड़ताल का नहीं हुआ असर

रांची : केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिन मंगलवार को एचइसी में कोई असर नहीं दिखा. कर्मियों ने यूनियनों के आह्वान को दरकिनार कर आम दिनों की तरह काम किया. प्रबंधन की ओर से बताया गया कि एचइसी के तीनों प्लांटों एवं अन्य कार्यालयों में काम सामान्य दिनों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 9, 2019 9:45 AM
रांची : केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिन मंगलवार को एचइसी में कोई असर नहीं दिखा. कर्मियों ने यूनियनों के आह्वान को दरकिनार कर आम दिनों की तरह काम किया. प्रबंधन की ओर से बताया गया कि एचइसी के तीनों प्लांटों एवं अन्य कार्यालयों में काम सामान्य दिनों की तरह हुआ. कर्मचारियों की उपस्थिति 90 प्रतिशत रही, जो सामान्य दिनों से अधिक है.
गौरतलब है कि एचइसी में तीन केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने आह्वान किया था. इसमें मुख्य रूप से हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यसूनियन (इंटक), हटिया कामगार यूनियन (एटक) व हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) शामिल थे. हालांकि, किसी यूनियन के कार्यकर्ता ने ड्यूटी पर जा रहे कामगारों को नहीं रोका. हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के एक भी कार्यकर्ता हड़ताल में शामिल नहीं हुए.
महज यूनियन की ओर से हड़ताल का आह्वान किया गया था. हटिया मजदूर यूनियन के चार-पांच कार्यकर्ता सुबह में एचएमबीपी गेट संख्या तीन के समक्ष खड़े थे, लेकिन किसी कामगारों को ड्यूटी जाने से नहीं रोक रहे थे. वहीं, हटिया कामगार यूनियन के 20 से 25 कार्यकर्ता मुख्यालय के समक्ष कुछ देर प्रदर्शन करने के बाद वापस लौट गये.
देशव्यापी हड़ताल में शामिल देश के मजदूरों के साथ एचइसी के मजदूरों ने भी एकजुटता का इजहार करने के लिए हटिया कामगार यूनियन के नेतृत्व में आठ जनवरी को एचइसी मुख्यालय के समक्ष दिन के 10.30 बजे से प्रदर्शन किया. इस दौरान कामगारों ने नारेबाजी की.
मुख्य मांग थी सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेश या निजीकरण बंद करो, बीमार सार्वजनिक उपक्रम का पुनरुद्धार करो, समान काम के समान वेतन दो, स्थायी प्रवृत्ति के कामों में ठेकेदारी प्रथा बंद कर स्थायी नौकरी दो, कौशल विकास के तहत काम लेने के बदले स्थायी नौकरी में बहाल करो, मजदूरों का लंबित वेतन पुनरीक्षण जल्द करो, एचइसी मजदूरों को बेहतर मेडिकल एवं आवासीय सुविधा उपलब्ध कराओ. इस अवसर पर यूनियन के लालदेव सिंह, जीसी सुधांशु मुख्य रूप से उपस्थित थे.

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