रांची : कर्नल बीएन दुबे मनायेंगे जीवन की प्लेटिनम जुबली
रांची : वर्ष 1965 में इंडो चाइना, वर्ष 1971 में इंडो-पाक व 1999 में कारगिल फतह में शामिल सैनिक कर्नल बीएन दुबे दो जनवरी को अपने जीवन का 75वां साल यानी प्लेटिनम जुबली मनायेंगे़ तीनाें युद्ध की कई यादों को दिल में संजाेये भारत माता के लाल कर्नल दुबे ने मौत को काफी नजदीक से […]
रांची : वर्ष 1965 में इंडो चाइना, वर्ष 1971 में इंडो-पाक व 1999 में कारगिल फतह में शामिल सैनिक कर्नल बीएन दुबे दो जनवरी को अपने जीवन का 75वां साल यानी प्लेटिनम जुबली मनायेंगे़ तीनाें युद्ध की कई यादों को दिल में संजाेये भारत माता के लाल कर्नल दुबे ने मौत को काफी नजदीक से देखा है़ कारगिल युद्ध के दौरान मोर्चा पर तैनात उनके बगल के सैनिक को उनके सामने गले में गोली लगी, वह वहीं ढेर हो गये़ वह साथी उनसे एक फीट की दूरी पर मोर्चा संभाले हुए थे़
दो जनवरी 1945 में आरा (अब भोजपुर) के सारंगपुर में उनका जन्म हुआ़ परिवार के बहुत से लोग सेना में थ़े़ उन्हें देखकर भारत माता की सेवा करने की प्रेरणा मिली़ वर्ष 1962 में वे बिहार रेजीमेंट में भरती हुए़ वर्ष 1965 में इंडो-चाइना वार में शामिल हुए़ उसके बाद वर्ष 1971 में इंडो-पाक व कारगिल फतह में भी शामिल रहे़
वर्ष 2002 में सेवानिवृत्त हुए़ 40 वर्ष तक सेना में रहकर देश की सेवा की, 15 वर्ष काॅरपोरेट सर्विस की़ वर्तमान में वह समाज सेवा में लगे हुए है. दीपाटोली हनुमान नगर निवासी कर्नल दुबे पंच मंदिर प्रबंध समिति, हनुमान नगर के अध्यक्ष भी हैं.