छात्रों के अपहरण का मामला: छह दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ

रांची : चुटिया की साईं कॉलोनी के निवासी भाजपा नेता सह व्यवसायी मदन सिंह के पुत्र शिवम सिंह, उनके मौसेरे भाई के पुत्र गौरव सिंह और पावर हाउस चौक निवासी सैंकी का अभी तक सुराग नहीं मिल पाया है. तीनों को बरामद करने के लिए पुलिस अपराधियों से लेकर उग्रवादियों तक की संलिप्तता पर जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2017 8:04 AM
रांची : चुटिया की साईं कॉलोनी के निवासी भाजपा नेता सह व्यवसायी मदन सिंह के पुत्र शिवम सिंह, उनके मौसेरे भाई के पुत्र गौरव सिंह और पावर हाउस चौक निवासी सैंकी का अभी तक सुराग नहीं मिल पाया है. तीनों को बरामद करने के लिए पुलिस अपराधियों से लेकर उग्रवादियों तक की संलिप्तता पर जांच कर चुकी है, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया है.
पुलिस सूत्रों से अनुसार, अपहरण की बात सामने आने के बाद सबसे अधिक संदेह चंदन सोनार गिरोह पर था, लेकिन इस गिरोह की संलिप्तता पर कोई ठोस सुराग नहीं मिला है. वहीं पीलएफआइ संगठन से जुड़े कुछ उग्रवादियों की संलिप्तता के अलावा अन्य अपराधियों की संलिप्तता पर भी जांच की गयी. तीनों छात्र वर्तमान में कहां हैं और किस परिस्थिति में किसके कब्जे में हैं, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. मामले में मदन सिंह ने कहा कि मुझे अपहरण के पीछे किसी उग्रवादी या अपराधी पर संदेह नहीं है. मैं भी तीनों छात्रों को तलाशने का हरसंभव प्रयास कर रहा हूं, पर कुछ पता नहीं चल पाया है.
तीनों छात्र रहस्यमय तरीके से पांच सितंबर से लापता हैं. छह सितंबर को लावारिस अवस्था में शिवम की कार नगड़ी थाना क्षेत्र के बालालौंग से मिली थी. तीनों के अपहरण को लेकर नगड़ी थाना में केस दर्ज है. अपहरण के बाद तीनों को मुक्त करने के लिए 20 करोड़ रुपये की फिरौती मांगे जाने की बात सामने आयी थी. फिरौती के लिए सिर्फ एक बार फोन आया था. फोन करने वाले स्थानीय भाषा में बात कर थे. इधर, घटना के बाद मदन सिंह ने अपने घर के बाहर सीसीटीवी लगवा लिया है, ताकि घर के बाहर आने-जाने वालों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है पुलिस
अपहरण के पीछे कहीं सोची- समझी साजिश तो नहीं, किसी पारिवारिक विवाद या दूसरे विवाद की वजह से अपहरण तो नहीं हुआ, तीनों छात्र अपनी मर्जी से कहीं जाकर फंस तो नहीं गये आदि बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है.