पलामू के किसानों पर मौसम की दोहरी मार, हवा और बारिश से खेतों में गिरा धान
पलामू के किसानों पर मौसम की दोहरी मार, हवा और बारिश से खेतों में गिरा धान
प्रतिनिधि, पाटन पलामू के किसानों को इस वर्ष फिर से मौसम की मार झेलनी पड़ रही है. कभी अतिवृष्टि, तो कभी अनावृष्टि के कारण उनकी खेती पर गहरा असर पड़ा है. पिछले वर्ष असमय बारिश से नुकसान झेलने वाले किसान इस बार भी संकट से उबर नहीं सके. इस वर्ष लगातार बारिश होने के कारण किसान भदई फसल नहीं लगा सके. जबकि पलामू में यह फसल किसानों के लिए जीवनरेखा मानी जाती है. भदई फसल हो जाने पर किसानों की आधी समस्या समाप्त हो जाती है, लेकिन इस बार उन्हें यह मौका नहीं मिला. फिर भी किसानों ने धान की खेती कर उम्मीद जतायी थी. समय पर फसल बढ़ी भी अच्छी, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे थे. लेकिन धान कटाई के समय तेज हवा और बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. तेज हवा से खेतों में खड़ी फसल गिरकर बर्बाद हो गयी, वहीं लगातार बारिश से कटाई भी मुश्किल हो गयी. पाटन प्रखंड के बरडीहा गांव के किसान बिपिन बिहारी दुबे ने बताया कि भदई फसल तो पहले ही खत्म हो गयी थी, लेकिन धान बहुत बढ़िया था. अब हवा और बारिश से खेत में ही गिर गया है, धान जड़ जायेगा. किशुनपुर के विष्णुदेव साव ने कहा, इस बार धान की पैदावार शानदार थी, लेकिन हवा और बारिश ने सब चौपट कर दिया. वहीं बरडीहा के मुख्तार अंसारी ने भी कहा कि इस वर्ष की मेहनत व्यर्थ चली गई, पूरी फसल बर्बाद हो गयी है. लगातार मौसम की मार से किसान अब निराश और हताश दिखाई दे रहे हैं.वे सरकार से क्षतिपूर्ति और राहत सहायता की मांग कर रहे हैं.
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