एम विश्वेश्वरैया के योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता : अधीक्षण अभियंता
पथ निर्माण विभाग परिसर में डॉ विश्वेश्वरैया की प्रतिमा का अनावरण
पथ निर्माण विभाग परिसर में डॉ विश्वेश्वरैया की प्रतिमा का अनावरण प्रतिनिधि, मेदिनीनगर मेदिनीनगर। अभियंत्रण सेवा समन्वय समिति की ओर से सोमवार को भारत रत्न डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का 58वां अभियंता दिवस धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम पथ प्रमंडल कार्यपालक अभियंता कार्यालय परिसर में आयोजित हुआ. इस अवसर पर पलामू प्रमंडल में पहली बार डॉ. विश्वेश्वरैया की प्रतिमा का अनावरण किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने की, जबकि संचालन इंजीनियर दया राम ने किया. दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. मुख्य अतिथि हजारीबाग अंचल लघु सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर संजय मिंज ने कहा कि डॉ. विश्वेश्वरैया एक महान अभियंता, विद्वान और राजनेता थे, जिन्होंने जल संसाधन प्रबंधन और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी प्रतिभा को ब्रिटिश सरकार ने भी स्वीकार किया और उन्हें सर की उपाधि दी गयी थी. वर्ष 1955 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. मेदिनीनगर ग्रामीण कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि उनके कार्यों ने भारत के विकास की दिशा बदली. बांधों और जलाशयों ने पानी और बिजली की सुविधा दी, जिससे कृषि और उद्योग को बढ़ावा मिला. कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार बिरुआ ने कहा कि उनके द्वारा निर्मित परियोजनाएं आज भी इंजीनियरिंग का मिसाल है. कार्यक्रम में सहायक अभियंता दिवेश कुमार, विक्रम कुमार राम, तुरिया उरांव, कनीय अभियंता जावेद अख्तर, मोहम्मद सुहेल, इंजीनियर सुरेश प्रसाद गुप्ता, मनोज गुप्ता, मनोज राम, हृदय कुमार, प्रभात कुमार सोलंकी सहित कई अभियंता मौजूद थे.
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