कनौदी मध्य विद्यालय से चार लाख के सामान की चोरी

खिड़की तोड़कर चोरों ने स्कूल को बनाया निशाना

By Akarsh Aniket | November 7, 2025 9:37 PM

खिड़की तोड़कर चोरों ने स्कूल को बनाया निशाना

प्रतिनिधि, पाटन. नावाजयपुर थाना क्षेत्र के कनौदी राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय में गुरुवार की रात खिड़की तोड़कर अज्ञात चोरों ने करीब चार लाख रुपये मूल्य के सामान की चोरी कर ली. घटना की जानकारी शुक्रवार की सुबह हुई, जब विद्यालय कर्मियों ने ताला टूटा देखा. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ईश्वरी प्रसाद यादव ने इस संबंध में नावाजयपुर थाना में लिखित आवेदन दिया, हालांकि समाचार लिखे जाने तक मामला दर्ज नहीं हो सका था.

लगातार चोरी से बढ़ी चिंता

इस चोरी की घटना से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है. ग्रामीणों ने बताया कि यह विद्यालय में पांचवीं चोरी की घटना है, लेकिन पुलिस अब तक किसी भी मामले का उद्भेदन नहीं कर सकी है. कनौदी गांव की दूरी थाना से मात्र तीन से चार किलोमीटर है, इसके बावजूद लगातार चोरी की घटनाएं हो रही हैं, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस सक्रिय होती तो विद्यालय में बार-बार चोरी की घटनाएं नहीं होतीं. निष्क्रियता के कारण चोरों का मनोबल बढ़ा है.

लाखों का सामान हुआ गायब

विद्यालय से पांच केवीए का स्टेबलाइजर, पांच मॉनिटर, पांच माउस, की-बोर्ड, इन्वर्टर, केबल, यूपीएस सहित कंप्यूटर से जुड़ा उपकरण चोरी कर लिया गया. प्रधानाध्यापक श्री यादव ने बताया कि हर बार चोरी की सूचना पुलिस को दी गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे चोरों के हौसले बुलंद हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में विद्यालय से चावल की चोरी भी की गयी थी. उस समय भी पुलिस खाली हाथ रही थी. घटना के बाद श्रवण सिंह, रामराज सिंह, हजारी शाह, रामजन्म सिंह, अर्जुन सिंह, पंकज सिंह, नंदन सिंह, रविंद्र सिंह, अजय सिंह, गिरवर सिंह, शिक्षक सुरेंद्र सिंह, सतीश कुमार तिवारी, रीता कुमारी सहित प्रधानाध्यापक ईश्वरी प्रसाद यादव मौजूद थे.

नावाजयपुर थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि पुलिस आइटी सेल के माध्यम से चोरी की घटना का उद्भेदन करने में जुटी है. हर पहलू से जांच की जा रही है. बहुत जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी कर पूरे मामले का खुलासा किया जायेगा.

ग्रामीणों ने मांगी कड़ी कार्रवाई

ग्रामीणों ने मांग की है कि विद्यालय में हो रही बार-बार की चोरी की घटनाओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाये. उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे.

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