साइकिल मिस्त्री के बेटे निसार अहमद बने बीडब्ल्यूओ
हिरणपुर. संघर्ष, मेहनत और सही दिशा में की गयी मेहनत को अगर किस्मत मिल जाए, तो सफलता भी दूर नहीं रहती.
हिरणपुर. संघर्ष, मेहनत और सही दिशा में की गयी मेहनत को अगर किस्मत मिल जाए, तो सफलता भी दूर नहीं रहती. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिरणपुर प्रखंड के रहने वाले निसार अहमद ने. अपनी मेहनत, संघर्ष और लगन के बलबूते निसार अहमद ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पास की और अब वह प्रखंड कल्याण पदाधिकारी (बीडब्ल्यूओ) के पद पर चयनित हुए हैं. निसार अहमद का जन्म और पालन-पोषण एक साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता कुर्बान अंसारी, जो हिरणपुर थाने के सामने साइकिल की दुकान चलाते हैं, के चार बेटों में निसार तीसरे नंबर पर हैं. उनके बड़े भाई साइकिल मिस्त्री के रूप में काम करते हैं, जबकि दो छोटे भाई पढ़ाई में लगे हुए हैं. निसार का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और शिक्षा के माध्यम से अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास किया. निसार की रोजगार यात्रा की शुरुआत कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में लिट्टीपाड़ा प्रखंड में हुई. पहले कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए निसार ने हमेशा अवसरों का फायदा उठाया. इसके बाद उन्होंने इंडियन रिजर्व बटालियन की वैकेंसी में आवेदन किया और चयनित हो गए. इसके बाद रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा दी और ट्रैक मेन के रूप में नौकरी ज्वाइन की. ढाई से तीन महीने तक रेलवे में काम करने के बाद निसार ने रेलवे की ग्रुप सी की परीक्षा पास की और टेक्नीशियन के रूप में पद ग्रहण किया. करीब ढाई साल तक टाटानगर रेलवे में सेवा देने के बाद निसार ने पंचायत सचिव की परीक्षा दी और सफल रहे. वे वर्तमान में लिट्टीपाड़ा प्रखंड की कमलघाटी और बड़ा सरसा पंचायत में पंचायत सचिव के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की तैयारी जारी रखी और इस बार सफलता ने उनके कदम चूमे. प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर चयनित होकर उन्होंने न केवल जिले का नाम रोशन किया, बल्कि अपने परिवार का भी मान बढ़ाया. उनका कहना है, यह सफर यहीं नहीं रुकता. मेरा अगला लक्ष्य जेपीएससी की तैयारी करना है, और मैं इसके लिए लगातार मेहनत कर रहा हूं.
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