मां जगतधात्री की भव्य पूजा, भक्तों ने मांगी सुख, शांति व समृद्धि
पाकुड़ के राजापाड़ा दुबेपाड़ा स्थित प्राचीन जगतधात्री मंदिर में कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को वैदिक परंपरा अनुसार भव्य पूजा-अर्चना हुई। मुख्य पुरोहितों के नेतृत्व में मंत्रोच्चारण और हवन के साथ पूजा संपन्न हुई। श्रद्धालु मां के दर्शन और आशीर्वाद के लिए उमड़े और पुष्पांजलि अर्पित कर सुख, शांति, समृद्धि की कामना की। परंपरा अनुसार सफेद कुम्हड़ा की बलि दी गई। मंदिर परिसर भक्तिमय रहा और जयकारों से गूंज उठा। पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया गया। यह तीन दिनों तक चलेगी, जिसमें आरती, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। स्थानीय श्रद्धालु, समिति सदस्य और गणमान्य व्यक्ति समारोह में उपस्थित थे, जो क्षेत्र की धार्मिक और सामाजिक महत्ता दर्शाता है।
प्रतिनिधि, पाकुड़. स्थानीय राजापाड़ा के दुबेपाड़ा स्थित प्राचीन जगतधात्री मंदिर में गुरुवार को वैदिक परंपरा के अनुसार माता जगतधात्री की भव्य पूजा-अर्चना की गयी. कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि पर आयोजित इस विशेष पूजा में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जिन्होंने मां के दर्शन और आशीर्वाद के लिए लंबी कतारों में लगकर विधिवत पूजा की. वैदिक मंत्रोच्चारण और हवन के साथ पूजा का शुभारंभ हुआ. मुख्य पुरोहित बापी दुबे और झुमका मिश्रा ने वेद-मंत्रों के उच्चारण के बीच मां जगतधात्री की पूजा संपन्न कराई. भक्तों ने पुष्पांजलि अर्पित कर सुख, शांति, समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना की. परंपरा के अनुसार सफेद कुम्हड़ा की बलि दी गई. सुबह से ही मंदिर परिसर भक्तिमय रहा और मां के जयकारों से इलाका गूंज उठा. पूजा के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया, जिसकी जिम्मेदारी समिति के सदस्यों और स्थानीय श्रद्धालुओं ने निभायी. मां जगतधात्री की यह पूजा तीन दिनों तक चलेगी, जिसमें विशेष आरती, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि राजापाड़ा क्षेत्र में जगतधात्री पूजा का विशेष धार्मिक और सामाजिक महत्व है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, स्थानीय गणमान्य व्यक्ति और समिति के सदस्य उपस्थित थे.
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