बायोफ्लॉक मछली पालन से संवर रही दुलाली सोरेन की जिंदगी

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से मिला संबल, बनीं दूसरों के लिए प्रेरणा

By SANU KUMAR DUTTA | June 15, 2025 7:20 PM

पाकुड़ नगर. जिले के पाकुड़िया प्रखंड के सालपानी गांव की दुलाली सोरेन ने मेहनत और लगन से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए गांव की महिलाओं के लिए मिसाल कायम की है. मध्यम वर्गीय परिवार की दुलाली पहले घर-गृहस्थी के कामकाज में जुटी रहती थीं और किसी तरह जीवनयापन कर रही थीं. लेकिन जिला मत्स्य कार्यालय पाकुड़ द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना ने उनकी जिंदगी को नयी दिशा दी. दुलाली सोरेन ने वर्ष 2021-22 में 7 टैंक वाले बायोफ्लॉक तालाब निर्माण की योजना के लिए जिला मत्स्य कार्यालय में आवेदन दिया. योजना की कुल लागत 7.50 लाख रुपये थी. महिला कोटि में चयन होने पर उन्हें 60 प्रतिशत यानी 4.50 लाख रुपये अनुदान के रूप में सहायता राशि मिली. विभागीय सहयोग से उन्होंने बायोफ्लॉक तालाब तैयार कर मछली पालन शुरू किया. दुलाली सोरेन आज प्रतिवर्ष करीब 1400 किलो मछली बेचकर लगभग 2 लाख 10 हजार रुपये की आय प्राप्त कर रही हैं. मछली पालन व्यवसाय से ना केवल उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है बल्कि गांव में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं. दुलाली कहती हैं कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना उनके लिए वरदान साबित हुई. वे आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गयी हैं.

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