बालू उठाव बंद होने से विकास योजनाएं प्रभावित
महेशपुर. प्रखंड सह अंचल क्षेत्र में बालू उठाव बंद हो जाने के कारण सरकारी विकास योजनाएं प्रभावित हो गयी है.
महेशपुर. प्रखंड सह अंचल क्षेत्र में बालू उठाव बंद हो जाने के कारण सरकारी विकास योजनाएं प्रभावित हो गयी है. निजी निर्माण की रफ्तार भी धीमी पड़ गयी है. स्थिति यह है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास, अबुआ आवास, जनमन योजना, मनरेगा की योजनाओं पर ग्रहण लग गया है. आवास योजना के आंकड़ों पर गौर करें तो महेशपुर प्रखंड में अबुआ आवास 2148, पीएम आवास 1380 व जनमन योजना का 517 आवास अधूरा पड़ा है. कई लाभुकों से भी बात की गयी तो बालू नहीं मिलने की बात कही. अपने-अपने आशियानों को पूर्ण करने के लिए आस लगाए बैठे हुए हैं. वही तेलियापोखर पंचायत की मुखिया मरियम मरांडी व धर्मखांपाड़ा पंचायत की मुखिया मुन्नी मरांडी का कहना है कि बालू उठाव बंद हो जाने के कारण सरकारी विकास योजना सहित निजी निर्माणों पर असर पड़ रहा है. निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है. इस कारण समय पर योजनाओं को पूर्ण करना मुश्किल होते जा रहा है. बताया कि विगत 16 अक्तूबर को ही महेशपुर, धर्मखांपाड़ा, तेलियापोखर, शिवरामपुर आदि पंचायतों में चालान काटने के लिए चालान दिया गया था, लेकिन प्रशासन के निर्देश पर छठ पूजा के लिए बालू उठाव व परिवहन को बंद कराया गया. खबर है कि 04 दिसंबर के बाद बालू उठाव व परिवहन की संभावना है. वहीं, महेशपुर, लेटपाड़ा, बाबुदाहा, बाबूपुर, जगदीशपुर, गढबाड़ी, काठशल्ला, रोलाग्राम, सोलपटिया, शहरी, चंडालमारा, मालधारा सहित कई गांवों के मजदूरों का कहना है कि बालू खनन को लेकर एनजीटी लगाया गया था, एनजीटी खत्म होने के बाद भी बालू उठाव बंद है. जिसके कारण हम मजदूर पश्चिम बंगाल मजदूरी करने के लिए जा रहे हैं. बालू उठाव की अनुमति दे देना चाहिए ताकि विकास योजना प्रभावित नही हो ओर हम मजदूरों को भी काम मिल सके.
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