बिरसा हरित ग्राम योजना से बदली तरुण पाल की किस्मत

पाकुड़. महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा गांव में मनरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन देखने को मिला.

By SANU KUMAR DUTTA | December 12, 2025 5:28 PM

एक एकड़ बंजर भूमि से प्रतिमाह पांच हजार रुपये की हो रही है आमदनी 2 दिसंबर फोटो संख्या-02 कैप्शन- अपने खेत में तरूण पाल नगर प्रतिनिधि, पाकुड़ महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा गांव में मनरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन देखने को मिला. वित्तीय वर्ष 2024-25 में तरुण पाल की एक एकड़ बंजर भूमि को बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत विकसित किया गया. इससे न केवल उनकी आजीविका में सुधार हुआ, बल्कि पूरे गांव के लिए यह एक सफल मॉडल बनकर उभरा. तरुण पाल की भूमि लंबे समय से अनुपयोगी पड़ी थी. ग्रामसभा में प्रस्तावित होने के बाद पंचायत स्तर पर योजना स्वीकृत हुई और मनरेगा के तहत कार्य प्रारंभ हुआ. योजना में उनके परिवार और स्थानीय मजदूरों की सहभागिता से रोजगार का सृजन भी हुआ. योजना के तहत सिंचाई कूप का निर्माण किया गया, जिससे खेत में पानी की सुविधा मिली और भूमि हरी-भरी हो गयी. वर्तमान में आम, नींबू, कटहल और शीशम के पेड़ तेजी से विकसित हो रहे हैं. साथ ही बैंगन, टमाटर और मिर्च की खेती से उन्हें प्रतिमाह लगभग 5,000 से 7,000 की आय हो रहा है. तरुण पाल ने बताया कि पहले भूमि अनुपयोगी थी, अब यह हरियाली और कमाई का स्रोत बन गया है. आगे मेहनत कर इसे और बेहतर बनाऊंगा.

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