Lohardaga News: आदिवासी सरना धर्म पड़हा महासम्मेलन में बोलीं राजमनी उरांव, शिक्षा से ही होगा समाज का विकास

Lohardaga News: राजमनी उरांव ने कहा कि सरना धर्म महासम्मेलन का उद्देश्य आदिवासी समाज के लोगों को एक सूत्र में बांधना है, ताकि समाज में मजबूती आ सके. उन्होंने कहा कि समाज विकास के लिए सभ्यता-संस्कृति को बरकरार रखने की जरूरत है. समाज को मजबूत बनाने के लिए पड़हा-कोटवार की अहम भूमिका है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2022 4:40 PM

Lohardaga News: लोहरदगा जिला के भंडरा प्रखंड के लाल बहादुर शास्त्री खेल मैदान में केंद्रीय राजी पड़हा आदिवासी सुरक्षा दल के तत्वावधान में आदिवासी सरना धर्म पड़हा महासम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अरको, खिजरी, भुजनीया, पंडरिया, उदरंगी, बुड़का, भैसमुंदो, उड़ूमुडु, मकुंदा, कसपुर सहित लोहरदगा-गुमला, रांची जिले के आदिवासी समुदाय के लोगों ने भाग लिया.

आदिवासी सरना धर्म महासम्मेलन का शुभारंभ विभिन्न गांवों से पहुंचे पाहन-पुजार व महतो द्वारा पारंपरिक रूप से सामाजिक सरना झंडा गाड़ कर किया गया. इसके बाद विभिन्न गांव से आये पहान पुजार को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में विभिन्न गांवों से आये खोडहा समूहों द्वारा खोडहा नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भंडरा जिला परिषद सदस्य राजमनी उरांव, विशिष्ट अतिथि सुशील केरकेट्टा सहित सभी अतिथियों का स्वागत ग्रामीण महिलाओं ने आदिवासी रीति-रिवाज के साथ किया. मौके पर मुख्य अतिथि जिप सदस्य राजमनी उरांव ने कहा कि सरना धर्म महासम्मेलन का उद्देश्य आदिवासी समाज के लोगों को एक सूत्र में बांधना है, ताकि समाज में मजबूती आ सके.

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उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा. तभी समाज का विकास संभव है. आज समाज में अशिक्षा और कुरीतियों की वजह से समाज पिछड़ता जा रहा है. हम सभी को मिलकर समाज को नयी दिशा देनी होगी. सबसे पहले हमें शिक्षा और जागरूकता पर बल देना होगा.

उन्होंने कहा कि समाज विकास के लिए सभ्यता-संस्कृति को बरकरार रखने की जरूरत है. समाज को मजबूत बनाने के लिए पड़हा-कोटवार की अहम भूमिका है. साथ ही उन्होंने नशापान, अशिक्षा, कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने की बात कही. इस दौरान समाज के लोगों को आपस में एकजुटता बरकरार रखने की बात कही.

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विशिष्ट अतिथि सुशील केरकेट्टा ने कहा कि पड़हा के नियम कानून का हर हाल में पालन करना है. आदिवासी समाज के विकास में पाहन-पुजार का अहम योगदान होता है. पाहन-पुजार सभी धर्म के साथ-साथ गांव की सुख-शांति के लिए रहते हैं. मौके पर पूर्व जिप सदस्य शामिल उरांव, बुधराम उरांव, जेना उरांव, राजेंद्र उरांव, बन्दे उरांव, सुखु उरांव, संजय उरांव, अनिल उरांव, गणेश उरांव, मंशी उरांव, रामा उरांव सहित सभी गांव के पाहन-पुजार के साथ-साथ अन्य महिलाएं मौजूद थीं.

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