16 माह में छह लोगों की मौत, एक करोड़ की संपत्ति स्वाहा, मुआवजे के नाम पर मिले मात्र 45 लाख
16 माह में छह लोगों की मौत, एक करोड़ की संपत्ति स्वाहा, मुआवजे के नाम पर मिले मात्र 45 लाख
कुड़ू़ विदा हो रहा साल 2025 कुड़ू प्रखंड समेत सीमावर्ती चान्हो और कैरो के किसानों व आमजनों के लिए ””””गजराज”””” के खौफ का साल रहा. इस वर्ष कुड़ू के जिंगी, उडुमुड़ू, ककरगढ़ व चंदलासो पंचायत के साथ-साथ चान्हो के होन्हे, लुरंगी, बलसोकरा, पंडरी और कैरो के हनहट, सढ़ाबे व चाल्हो गांवों में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. जून 2024 से अक्तूबर 2025 के बीच अकेले कुड़ू प्रखंड में हाथियों के हमले में छह ग्रामीणों की जान चली गयी. करोड़ों का नुकसान, आधा भी नहीं मिला मुआवजा : हाथियों के झुंड ने इस साल कुड़ू प्रखंड में करीब एक करोड़ रुपये की फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाया है. इसके विपरीत वन विभाग ने कुड़ू, कैरो व चान्हो को मिलाकर मुआवजे के रूप में केवल 45 लाख रुपये बांटे हैं. इसमें पांच मृतकों के आश्रितों को 20 लाख रुपये दिये गये हैं, जबकि एक मृतक के परिजनों की प्रक्रिया जारी है. फसल क्षति के अधिकांश आवेदनों पर अब भी जांच ही चल रही है, जिससे किसानों में नाराजगी है. जब सड़क पर उतरे ग्रामीण और वन विभाग से हुई झड़प : साल 2025 में हाथियों के आतंक के कारण कई बार कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ी. चंदलासो पंचायत के कोकर में हाथियों को खदेड़ने के दौरान एक हाथी कुएं में गिर गया था, जिसे निकालने के दौरान ग्रामीणों और वन कर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई. आक्रोशित लोगों ने वन विभाग के वाहन में तोड़फोड़ की, इसके बाद विभाग ने कुड़ू थाने में मामला दर्ज कराया. वहीं, एक किसान की मौत के बाद ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे-39 को घंटों जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था. कॉरिडोर बनाने में विभाग रहा विफल : पूरे साल हाथियों का झुंड एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड में विचरण करता रहा, लेकिन वन विभाग इन्हें सुरक्षित कॉरिडोर में पहुंचाने या रिहायशी इलाकों से दूर रखने में विफल साबित हुआ. आज भी ग्रामीण रातें जागकर काट रहे हैं और वन विभाग के प्रति उनका रोष बरकरार है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
