99 लाख से बना पंचायत भवन एक साल में जर्जर
99 लाख से बना पंचायत भवन एक साल में जर्जर
किस्को़ प्रखंड अंतर्गत बगड़ू पंचायत में जिला परिषद द्वारा 99 लाख रुपये की लागत से निर्मित पंचायत भवन मात्र एक वर्ष के भीतर ही जर्जर होने लगा है. भवन की दीवारों में जगह-जगह दरारें, पाइपलाइन लीकेज, टूटे नल और खराब शौचालय व्यवस्था स्पष्ट रूप से घटिया निर्माण भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रही है. इस कार्य के संवेदक रोहित साहू थे और कार्यकारी एजेंसी जिला परिषद लोहरदगा थी. जानकारी के अनुसार पंचायत भवन का निर्माण कार्य 31 जनवरी को पूर्ण दिखाकर हैंडओवर किया गया था, लेकिन कुछ ही महीनों में खिड़की-दरवाजे टूटने लगे. औपचारिक मरम्मत कर मामले को दबाने की कोशिश भी की गयी. अब भवन की दीवारें फटना शुरू हो चुकी हैं, जिससे पंचायत कर्मियों और ग्रामीणों में भय का माहौल है. भवन में लगाया गया सिंटेक्स टैंक बिना ढक्कन के खुला पड़ा है, जिससे गंदगी व धूल अंदर जा रही है. शौचालय और अन्य स्थानों पर पाइपलाइन लीकेज आम बात हो गयी है. नल व फिटिंग भी घटिया गुणवत्ता की लगायी गयी हैं, जो बार-बार खराब हो रही है. कुल मिलाकर भ्रष्टाचार का सीधा उदाहरण इस भवन में देखा जा सकता है. ग्रामीणों में आक्रोश : ग्रामीणों का कहना है कि अधूरे और घटिया निर्माण को पूर्ण बताकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है़ एक ग्रामीण ने कहा कि अगर एक साल में ही भवन की यह स्थिति है, तो आगे चलकर यह खंडहर में बदल जायेगा. पंचायत सचिव ने भी उठाये सवाल : पंचायत सचिव अजय कुमार ने बताया कि संवेदक द्वारा गुणवत्ता की पूरी तरह अनदेखी की गयी है. उन्होंने कहा कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग हुआ है. संवेदक को कई बार दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. जांच की मांग : ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन और जिला परिषद से पूरे निर्माण कार्य की तकनीकी जांच, दोषी संवेदक पर कानूनी कार्रवाई और राशि की रिकवरी की मांग की है. लोगों का कहना है कि अधिकारी सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन ऐसे घटिया निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं होती. संबंधित विभाग, जिम्मेदार अधिकारियों और अभियंताओं पर भी कार्रवाई होनी चाहिये.
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