लोहरदगा में मजदूरी का भुगतान नहीं होने से मनरेगा योजना का काम धीमा

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा योजना भंडरा प्रखंड में बदहाल स्थिति में है. मजदूरों को काम देने के उद्देश्य से चलायी जाने वाली योजना मनरेगा से ग्रामीण क्षेत्र में परिसंपत्ति निर्माण के उद्देश्य से सिंचाई कूप, तालाब, आंगनबाड़ी केंद्र समेत अन्य योजना बनायी जा रही है.

By Prabhat Khabar | August 5, 2022 1:57 PM

भंडरा: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा योजना भंडरा प्रखंड में बदहाल स्थिति में है. मजदूरों को काम देने के उद्देश्य से चलायी जाने वाली योजना मनरेगा से ग्रामीण क्षेत्र में परिसंपत्ति निर्माण के उद्देश्य से सिंचाई कूप, तालाब, आंगनबाड़ी केंद्र समेत अन्य योजना बनायी जा रही है. मनरेगा की योजना में कई समस्याएं हो रही हैं. इस योजना के तहत विभिन्न योजनाओं में काम करने वाले प्रखंड क्षेत्र के मजदूरों का लगभग एक करोड़ मजदूरी भुगतान लंबित पड़ा है.

मजदूरों का मजदूरी भुगतान नहीं होने से मजदूर मनरेगा में काम करने से परहेज कर रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि काम करने के बाद छह महीना तक मजदूरी का भुगतान नहीं होता है. ऐसी परिस्थिति में काम करना कठिन है. इस तरह मनरेगा से बनाये जा रहे परिसंपत्तियों के निर्माण में लगाये गये सामानों की आपूर्ति का भुगतान लगभग 42 लाख, 58 हजार, 439 रुपये बाकी है. इस संबंध में भंडरा बीडीओ ने डीडीसी लोहरदगा को पत्र लिखा है.

पत्र में कहा गया है कि मनरेगा से बनाये जा रहे योजनाओं में लगायी गयी समाग्रियों की आपूर्ति का भुगतान योजना वर्ष 2020/21, 2021/22 तथा 2022/23 में 11 बार एफटीओ कर भुगतान करने की प्रक्रिया की गयी है. लेकिन सभी प्रयास विफल हुआ है. सिस्टम द्वारा भुगतान रिजेक्ट कर दिया जाता है, जिससे सामग्री युक्त योजनाओं का एमआइएस पूर्ण नहीं किया जा सकता है.

सामग्री का भुगतान नहीं होने से आपूर्तिकर्ता वर्तमान में संचालित योजनाओं में आपूर्ति करने से आनाकानी कर रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र में 10 आंगनबाड़ी केंद्र, लगभग 100 कुआं समेत अन्य योजनाएं बन कर तैयार हैं. आंगनबाड़ी, सिंचाई कूप समेत अन्य योजनाओं का उपयोग किया जा रहा है. परंतु आपूर्तिकर्ताओं का भुगतान पर किसी का ध्यान नहीं है. इस संबंध में बीडीओ रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि मनरेगा से संचालित विभिन्न योजनाओं में मजदूरी भुगतान व सामग्रियों का भुगतान में हो रही परेशानी की जानकारी जिले के वरीय पदाधिकारियों को दी गयी है.

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