बाबा नाम केवलम् कीर्तन करने से मनुष्यों के पाप खत्म होते हैं
बाबा नाम केवलम् कीर्तन करने से मनुष्यों के पाप खत्म होते हैं
चंदवा़ आनंद मार्ग प्रचारक संघ की पहल पर बाबा नाम केवलम् कीर्तन उदगम स्थल, कीर्तन नगर अमझरिया में आठ दिनी अखंड कीर्तन का आयोजन किया गया. मंगलवार को अखंड कीर्तन के सातवें दिन इंदिरा गांधी चौक से टोरी रेलवे स्टेशन तक बाबा नाम केवलम् कीर्तन करते भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी. पूरा शहर बाबा नाम केवलम् की धुन से गूंज उठा. कार्यक्रम में चंदवा समेत पूरे भारत वर्ष से आनंद मार्गी जुटे थे. आनंद मार्ग सेवा धर्म मिशन के ग्लोबल हेड आचार्य नभातितानंद अवधुत ने कहा कि प्रभु के दो पक्ष हैं. एक निर्गुण और दूसरा सगुण. भक्तों ने भगवान का नामकरण किया. भक्त कहते हैं कि तुम महान हो. भगवान भक्त को महान कहते हैं. भक्त और भगवान के बीच यह लड़ाई चली आ रही है. भगवान के महिमा का गुणगान ही कीर्तन है. कीर्तन से भक्त का हृदय भक्ति भाव से भर जाता है. बाबा नाम केवलम् कीर्तन करने से मनुष्य के जन्मजन्मांतर के पाप खत्म होते हैं. कीर्तन से पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, सजीव-निर्जीव सभी प्रभावित होते हैं. जो इसे सुनेगा उनका मन भी पवित्र होगा. शोभायात्रा के दौरान मानव-मानव एक है, मानव का धर्म एक है, एक चूल्हा-एक चौका, एक है मानव समाज, जाति-पाति की करो विदाई, मानव-मानव भाई-भाई समेत अन्य नारे गुंजायमान थे. मौक पर आचार्य आत्मानंद अवधूत, आचार्य मंत्रजपानंद अवधूत, आचार्य जगदात्मानंद अवधूत, सुनील आनंद, भुक्ति प्रधान प्रभात जी, सुरेश राम समेत काफी संख्या में आनदमार्गी मौजूद थे. ज्ञात हो कि अमझरिया डाक बंगला परिसर में ही अष्टाक्षरी मंत्र की सिद्धी श्रीश्री आनंदमूर्ति जी ने आठ अक्तूबर 1970 को की थी. तब से आठ अक्तूबर को यहां आनंद मार्गी कीर्तन दिवस मनाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
