Jharkhand News: नेतरहाट में 14 हाथियों का झुंड मचा रहा उत्पात, एक बच्चे की ली जान, 19 घरों को तोड़ा

लातेहार के नेतरहाट वन प्रक्षेत्र में पिछले तीन दिनों से हाथियों का उत्पात जारी है. 14 हाथियों के झुंड ने हुसंबु गांव में एक बच्चे की जान ली, वहीं हाड़ीबार समेत अन्य गांवों में 19 घरों को ध्वस्त भी किया. हाथियों के उत्पात से ग्रामीण डर-सहमे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 18, 2023 6:21 PM

महुआडांड़ (लातेहार), वसीम अख्तर : लातेहार जिला के नेतरहाट वन प्रक्षेत्र के जंगलों में हाथियों का उत्पात पिछले तीन दिनों से चरम पर है. जहां वन क्षेत्र के हुसंबु गांव में मंगलवार शाम को जंगली हाथियों के झुंड द्वारा किए गए हमले में एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं, बच्चे की मां और भाई गंभीर रूप से घायल हो गए. साथ ही हाड़ीबार समेत अन्य गांवों में 19 घरों को ध्वस्त भी कर दिया. इस संबंध में रेंजर वृंदा पांडेय ने बताया कि मृत बच्चे के पिता को तत्काल मदद के रूप में 25 हजार रुपये दिए गये. साथ ही घायलों के इलाज के लिए 10 हजार रुपये दिये गये. उन्होंने कहा कि जल्द ही मृतक के परिजनों को मुआवजा का भुगतान भी किया जाएगा. वहीं, थाना प्रभारी बंधन भगत ने हुसंबु गांव पहुंचकर बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए लातेहार भेज दिया.

हाथियों के झुंड ने किया हमला

इस संबंध में वनपाल अजय टोप्पो ने बताया कि हुसंबु गांव में शाम लगभग पांच बजे अजय नगेसिया के घर में हाथियों के झुंड ने हमला कर दिया. घर में अजय नगेसिया की पत्नी मुनिया नगेसिया और दो बच्चे मौजूद थे. हाथी का हमला करते ही मुनिया नगेसिया अपने दोनो बच्चों को लेकर घर से बाहर निकली, लेकिन घर के बाहर खड़े हाथी से टकरा गई. जहां उसके गोद में मौजूद दो वर्ष का बच्चा सूर्या नगेसिया जमीन पर गिर पड़ा और बच्चा हाथी के पैर की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. फिर हाथी दूसरे बच्चे की ओर लपका, लेकिन चार वर्षीय अभि नगेसिया उठकर भागने में सफल रहा. हालांकि, हाथी के हमले में बच्चे का एक हाथ जख्मी हो गया. हाथी द्वारा फिर मुनिया नगेसिया पर भी हमला किया जिससे हमले में उसका एक पैर बुरी तरह जख्मी हो गया.

घायल मां और बच्चे गुमला रेफर

वहीं, देर रात हाड़ीबार टोला में हाथियों के दल ने हमला कर दिया जिसमें माइकल कुजूर, बेनेडिक्ट केरकेट्टा, सुधीर केरकेट्टा, अजय यादव, मार्ग्रेट केरकेट्टा के घर को ध्वस्त कर दिया, घटना की सूचना मिलते ही बुधवार की सुबह वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायल बच्चे और मां को नेतरहाट स्वास्थ्य केंद्र लाया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए गुमला रेफर कर दिया गया.

Also Read: Prabhat Khabar Special: डेढ़ साल पहले IED ब्लास्ट में हुई थी किसान रामदेव की मौत, अब इस हाल में जी रहा परिवार

चिकित्सक के अभाव में ड्रेसर ने किया प्राथमिक उपचार

इधर, हाथियों के हमले में घायल मुनिया नगेसिया एवं उनके पुत्र अभि नगेसिया को जब बेहतर इलाज के लिए नेतरहाट स्थित राजकीय औषधालय नेतरहाट हाॅस्पीटल लाया गया, तो वहां कोई भी चिकित्सक मौजूद नही थे. अस्पताल में मौजूद एकमात्र ड्रेसर नंदू पासवान ने घायलों का किसी तरीके से इलाज किया. वहीं, घायल मुनिया देवी को जमीन पर लेटाकर इलाज किया गया. इस संबंध में पूछे जाने पर ड्रेसर नंदू पासवान ने बताया कि अस्पताल में बिशुनपुर के डाक्टर एस ठाकुर की प्रतिनियुक्त की गई है, लेकिन वह कभी आते नही हैं. मुझे ही किसी प्रकार सब कुछ मैनेज करना पड़ता है.

Next Article

Exit mobile version