नहीं है एक भी टेंपो स्टैंड, सिर्फ होती है सैरात की वसूली

सड़क के किनारे खड़ा होता है टेंपो हमेशा पुलिस के डंडों का बना रहता है खौफ रहता नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा शीघ्र बनेगा टेंपो स्टैंड लातेहार : कहने को तो लातेहार जिला मुख्यालय है, लेकिन विडंबना यह है कि शहर में एक भी टेंपो स्टैंड नहीं है. टेंपो स्टैंड नहीं रहने के कारण सड़क […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 15, 2019 1:33 AM

सड़क के किनारे खड़ा होता है टेंपो

हमेशा पुलिस के डंडों का बना रहता है खौफ रहता

नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा शीघ्र बनेगा टेंपो स्टैंड

लातेहार : कहने को तो लातेहार जिला मुख्यालय है, लेकिन विडंबना यह है कि शहर में एक भी टेंपो स्टैंड नहीं है. टेंपो स्टैंड नहीं रहने के कारण सड़क पर ही टेंपो लगाना चालकों की मजबूरी बन गयी है. हां, इन टेंपो चालकों से नगर पंचायत सैरात की वसूली अवश्यक करती है. शहर के पानी टंकी के पास, जुबली चौक, थाना चौक और बाइपास चौक पर नगर पंचायत द्वारा सैरात की वसूली करायी जाती है. लेकिन इन स्थानों में से कहीं भी स्थायी स्टैंड नहीं है. चालक सड़क के किनारे वाहन लगा कर भी टैक्स देने को मजबूर हैं.

सड़क पर टेंपो लगाने को लेकर आये दिन आम लोगों तथा टेंपो चालकों के बीच झड़प की खबरें सामने आती है. सबसे खराब स्थिति तो बाइपास चौक की है. यहां से रेलवे स्टेशन के अलावा नावागढ़, तरवाडीह, मूरमू समेत कई गांवों के लिए टेंपो खुलती है. लेकिन जगह नहीं होने के कारण टेंपो चालक अपनी टेंपो सड़क पर ही लगा देते हैं.

सड़क के दोनों ओर टेंपो लगाये जाने के कारण यहां अक्सर जाम की स्थिति बन रहती है. बाइपास चौक से चार रास्ते निकलते हैं और यहां काफी भीड़-भाड़ रहती है. मेन रोड पर नो ईंट्री होने के कारण बाइपास चौक से भारी व यात्री वाहनों के गुजरने के कारण अक्सर यहां जाम लगता है. यही स्थिति मनिका व अन्य जगहों लिए खुलने वाले बाजारटांड़ स्टैंड की है. एनएच -75 पर स्थित इस स्टैंड से भी अक्सर सड़क जाम की स्थिति बनती है.

करीब यही हालात पुराना बस स्टैंड के पास ब्रह्मणी एवं चंदवा के लिए खुलने वाले स्टैंड की है. यह स्टैंड भी एनएच-75 पर अनुमंडल कार्यालय के समीप स्थित है. इसी प्रकार रेलवे स्टेशन जाने वाले टेंपो कारगिल पार्क के पास खड़ा होता है. दीगर बात यह है कि इन टेंपो चालकों को हमेशा पुलिस के डंडों का खौफ रहता है. शहर में जब भी वीआइपी मूवमेंट होती है टेंपो चालकों पर कहर टूटता है.

Next Article

Exit mobile version