भगवान महावीर व पार्श्वनाथ के जयकारे से गूंजा शहर
जैन धर्म का दशलक्षण पर्यूषण पर्व अनंत चतुर्दशी पर भव्य शोभायात्रा के साथ संपन्न हो गया.
झुमरीतिलैया. जैन धर्म का दशलक्षण पर्यूषण पर्व अनंत चतुर्दशी पर भव्य शोभायात्रा के साथ संपन्न हो गया. इस दौरान बैंड बाजा, डांडिया नृत्य और भगवान के जयकारे के साथ श्रद्धालु शामिल हुए. शोभायात्रा निकालने के साथ शनिवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म व्रत की पूजा की गयी और जैन तीर्थंकर भगवान बासु पूज्य का मोक्ष कल्याणक धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान निर्वाण लाडू चढ़ाया गया. शोभायात्रा बड़ा मंदिर डॉक्टर गली से निकली, जो पानी टंकी रोड, जैन मंदिर पहुंची. इस दौरान वासुपूज्य भगवान को पालकी में बैठा कर भक्तों ने नगर भ्रमण कराया. महिलाएं, पुरुष व बच्चे सभी केसरिया और श्वेत वस्त्र में पैदल चल रहे थे. शोभायात्रा में जैन समाज के भजन सम्राट सुबोध गंगवाल व संजय लट्टू छाबड़ा, मुकेश अजमेरा, अनिल पांडया ने भजनों से लोगों को आनंदित किया. इस दौरान भगवान महावीर और पार्श्वनाथ के जयकारे से शहर गुंजायमान रहा. रास्ते में जगह-जगह भगवान की आरती की गयी. इससे पूर्व प्रातः में भक्तों ने पंडित अभिषेक शास्त्री एवं डॉ निर्मला दीदी के सानिध्य में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म मनाया. निर्मला दीदी ने कहा कि आत्मा में लीन हो जाना ही ब्रह्मचर्य धर्म है. जब मनुष्य अपने आप में लीन हो जाता है, जहां पर किसी प्रकार की विकृति नहीं होती है. साधना की परम अनुभूति का अनुभव होता है, वही ब्रह्मचर्य है. जैन दर्शन में ब्रह्मचर्य का श्रेष्ठ स्थान है. इसके बिना सिद्धि प्राप्त नहीं होती. जहां ब्रह्मचर्य है वहीं समस्त सिद्धियों का आधार स्थल है. मौके पर समाज के मंत्री नरेंद्र झाझंरी, उपमंत्री राज छाबड़ा, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र काला भंडारी, सुनील सेठी, पूर्व अध्यक्ष ललित शेट्टी, जयकुमार गंगवाल, सुरेश झाझंरी, सुशील छाबड़ा, पदम सेठी, कमल सेठी, सुरेश शेट्टी, किशोर जैन पांडया, निवर्तमान पार्षद पिंकी जैन, मीडिया प्रभारी नवीन जैन, राजकुमार अजमेरा ने सभी 10 लक्षण उपवास रखनेवाले वृत्तियों एवं रत्नत्रय व्रतधारी के तप की अनुमोदन की. सभी का स्वागत बड़ा मंदिर के नवनिर्मित परिसर में किया गया. जैन मंदिरों में हुए विविध अनुष्ठान: सुबह में बड़ा मंदिर स्टेशन रोड में मूल नायक भगवान पारसनाथ की विश्व शांति धारा करने का सौभाग्य सुनील, ममता, शानू, नैनी, क्रदिय सेठी परिवार को मिला एवं प्रथम अभिषेक का सौभाग्य हजारीमल, रमेश, नरेश, विजय, संजय कासलीवाल परिवार को मिला. भगवान वासु पूज्य जी की शांति धारा का सौभाग्य सोहनलाल, अजीत, अमित, पोपी, राजेश गंगवाल परिवार को मिला. भगवान वासु पूज्य जी को बिहार कर प्रथम कलश एवं शांति धारा का सौभाग्य नीचे बेदी में अनूप, शैलेश, दीपक सेठी परिवार को मिला. नवग्रह के अनुसार तीर्थंकरों की प्रतिमा पर क्रमवार शांति धारा का सौभाग्य रत्नत्रय व्रत धारी परिवार को मिला. बड़ा मंदिर में भगवान बासु पूज्य जी के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य सुनील, ममता, नैनी, सानू, क्रदिय सेठी परिवार को मिला. नया मंदिर में भगवान महावीर की शांति धारा और प्रथम अभिषेक का सौभाग्य चुन्नीलाल, प्रदीप, पियूष, राहुल छाबड़ा परिवार को मिला. पाडुक शीला पर भगवान सुब्रत नाथ की शांति धारा का सौभाग्य फूलचंद, किशोर, प्रदीप, प्रतिक पांड्या परिवार को मिला. भगवान पारसनाथ की शांति धारा का सौभाग्य हीरालाल, नवीन, चैतन्य शेट्टी परिवार को मिला. शांतिनाथ भगवान की शांति धारा का सौभाग्य जुगल किशोर, संदीप, संजय, आशीष सेठी परिवार को मिला. नया मंदिर में भगवान बासु पूज्य के निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य ओमप्रकाश, विनीत सेठी परिवार को मिला.
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