लोक आस्था के महापर्व छठ में भक्तिमय हुआ शहर, नहाय-खाय के साथ छठ शुरू
लोक आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व शनिवार से नहाय-खाय की विधि के साथ पूरे श्रद्धा-उत्साह से आरंभ हो गया.
झुमरीतिलैया : लोक आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व शनिवार से नहाय-खाय की विधि के साथ पूरे श्रद्धा-उत्साह से आरंभ हो गया. व्रतियों के घरों में सुबह से ही पूजा की तैयारी शुरू हो गयी. गेहूं और चावल धूप में सुखाये गये तथा पूजन में उपयोग होने वाले सभी बर्तनों की विशेष साफ-सफाई की गयी. इसी के साथ चावल, चना दाल एवं कद्दू की सब्जी बनाकर व्रतियों ने श्रद्धा भाव से प्रसाद ग्रहण किया. छठ पर्व की शुरुआत होते ही गली-मोहल्लों में छठ मईया के गीत गूंज उठे हैं, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय और मनोहारी हो गया है. इस पावन पर्व को लेकर नगर प्रशासन एवं समाजसेवी संगठनों ने घाटों की सुंदरता बढ़ाने और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में पूरी तत्परता दिखायी है. शहर के प्रमुख छठ घाट इंदरवा छठ तालाब, पानी टंकी रोड और तिलैया बस्ती स्थित भास्कर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है. मूर्तिकार भगवान भास्कर की दिव्य प्रतिमाओं को सजीव रूप देने में लगे हुए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था और भी दृढ़ होती जा रही है. रविवार को व्रतियों द्वारा खरना अनुष्ठान संपन्न किया जायेगा. संध्या में प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात व्रती 36 घंटे का निर्जल उपवास रखेंगी. महापर्व का प्रथम अर्घ 27 अक्तूबर की संध्या में अस्ताचलगामी सूर्य को और दूसरा अर्घ 28 अक्तूबर की भोर में उदीयमान सूर्य को अर्पित किया जायेगा. बाजारों में खरीदारी को उमड़ी भीड़, पूजा सामग्री की बिक्री चरम पर इधर, छठ पर्व की तैयारी को लेकर बाजारों में भारी भीड़ उमड़ रही है. दुकानों पर सुबह से ही खरीदारी करने वालों का तांता लगा हुआ है. छाबड़ा लॉज गली स्थित रिधान ट्रेडर्स के संचालक आयुष केशरी ने बताया कि इस वर्ष भी पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, बढ़ती मांग के कारण दुकानों में उत्साहपूर्ण माहौल बना हुआ है. कोडरमा एसडीओ रिया सिंह, नगर प्रशासक अंकित गुप्ता, सिटी प्रबंधक लेमांशु कुमार, रणधीर कुमार वर्मा और सफाई निरीक्षक राजू राम ने शहर के विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए बताया कि सभी बड़े और छोटे घाटों की सफाई लगभग पूर्ण कर ली गयी है. घाटों पर चूना, फिटकरी एवं ब्लीचिंग का छिड़काव किया जाएगा, ताकि व्रतधारियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. पूजन सामग्री का मूल्य मखाना 600 से 1200 (प्रति किलो), छुआरा 45 से 70 (250 ग्राम), जायफल 800 रुपये किलो, सुपारी 01 (पीस), काजू 900 – 1050 (प्रति किलो), किशमिश 240 से 1000 (प्रति किलो), बादाम 800-2400 (प्रति किलो), इलायची 20-35 (100 ग्राम), लौंग 70-85 (100 ग्राम), पीतल का पात्र 25 से 1000 रु. पीस, सुपारी 560 रुपये प्रति किलो, अरवा चावल 42 रुपये प्रति पैकेट, सिंदूर 120-140 रुपये प्रति किलो, गेंदा का फूल 30-40 रु. प्रति माला, पान पत्ता 2 रुपये प्रति पीस, गाय का घी 650-1000 रु. प्रति किलो, शहद (200 ग्राम) 100-125 रुपये, धूप 70-80 रुपये प्रति किलो, सूप 80 से 150 रुपये प्रति पीस, बड़ा नींबू 20 रुपये प्रति पीस,अरता का पत्ता 10 रुपये में 10 पीस, पीतल का लोटा 120 से 300 रुपये की दर बिक रहा है.
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