श्री 108 भद्रबाहु सागर जी महामुनिराज का तिलैया में हुआ मंगल प्रवेश, कहा

आचार्य श्री 108 विपुल सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य श्री 108 भद्रबाहु सागर जी महामुनिराज और पूज्य मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज का झुमरी तिलैया में मंगल प्रवेश हुआ

By VIKASH NATH | May 25, 2025 9:58 PM

जो शरीर के अंदर की तपन और त्याग को जीत लेता है, वह जीवन जीत लेता है

25कोडपी9मुनी श्री का स्वागत करते समाज के लोग.

प्रतिनिधि

झुमरीतिलैया. आचार्य श्री 108 विपुल सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य श्री 108 भद्रबाहु सागर जी महामुनिराज और पूज्य मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज का झुमरी तिलैया में मंगल प्रवेश हुआ. उल्लेखनीय है कि जैन मुनि इस भीषण गर्मी में जहां लोग धूप में निकलने को सोचते हैं, वैसे समय में जैन मुनि खाली पैर गया जी नगरी से पद विहार करते हुए गुनावा, नवादा होते हुए लगभग 200 किलोमीटर की पद यात्रा करते हुए यहां पहुंचे. जहां शहर के मुख्य द्वार पर शहर के समाज के सभी पदाधिकारी, महिला समाज की पदाधिकारी गाजे-बाजे के साथ उनकी आगवानी की और नगर भ्रमण करते हुए बड़ा जैन मंदिर पहुंचे. जहां पर देवाधिदेव 1008 आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर मुनि श्री के मुखारबिंद से विश्व शांतिधारा कराया गया. इसके बाद मंगलाचरण जैन सुबोध गंगवाल, जैन आशा गंगवाल ने किया. दीप प्रज्ज्वलन गया जी से चलकर आये समाज के पदाधिकारियों ने किया. इस दौरान मुनि संघ को स्थानीय नगरी में प्रवास के लिए श्री फल चढ़ाया. इसके बाद मुनि श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि यह गर्मी तपन तप रही है, गर्मी की तपिश से ज्यादा जो शरीर के अंदर की तपन और त्याग को जीत लेता है, वह अपने जीवन को जीत लेता है. उन्होंने कहा कि यह कोडरमा एक धर्म नगरी है जहां बहता योगी रमता पानी कहावत के अनुसार गुरुवर जैन संत का सम्मेदशिखर जी जाने के क्रम में यहां पर आगमन हो जाता है, यह कोडरमा वाले का बहुत सौभाग्य है. समाज के पदाधिकारियों ने गया जी समाज के सभी पदाधिकारी का स्वागत तिलक, माला दुपट्टा पहनाकर किया. सोमवार को आचार्य संघ के सानिध्य में 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का निर्वाण कल्याणक महोत्सव के रूप में मनाया जायेगा. उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी राज कुमार अजमेरा, नवीन जैन ने दी है.

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