गो माता के रोम-रोम में देवताओं का वास: आचार्य

व्यासपीठ से कथावाचक आचार्य श्री रामकरण सहल जी महाराज ने भक्तों को प्रभु श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया.

By ANUJ SINGH | September 2, 2025 9:08 PM

झुमरीतिलैया. श्री अग्रसेन भवन में चल रहे श्रीमद भागवत सप्ताह यज्ञ के पांचवें दिन व्यासपीठ से कथावाचक आचार्य श्री रामकरण सहल जी महाराज ने भक्तों को प्रभु श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया. कार्यक्रम का शुभारंभ यजमान अनूप जोशी व उनकी पत्नी नीलम जोशी ने पूजा-अर्चना कर की. प्रसंग के दौरान आचार्य रामकरण सहल ने बताया कि प्रभु ने पूतना वध कर अधर्म और अपवित्र कर्मों का नाश करने का संदेश दिया. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सूर्यवंश में और श्रीकृष्ण चंद्रवंश में अवतरित हुये. सूर्य बुद्धि का कारक है, जबकि चंद्र मन का कारक. जब तक बुद्धि शुद्ध नहीं होती और मन मर्यादित नहीं होता, तब तक प्रभु का प्राकट्य संभव नहीं है. कान्हा के माखन चोरी लीला का उल्लेख करते हुए समझाया कि यह जीवन में अपने अधिकार की प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करने का संदेश देती है. गोचारण लीला के संदर्भ में आचार्य रामकरण सहल ने कहा कि गो सेवा से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है. गो माता के रोम-रोम में देवताओं का वास है. गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि ‘गो’ का अर्थ इंद्रियां और ‘वर्धन’ का अर्थ नियंत्रण है. प्रभु ने गोवर्धन लीला कर यह सिखाया कि मन और इंद्रियों को वश में रखना ही सच्ची साधना है. मुख्य अतिथि बरही विधायक मनोज यादव, सिमरिया के पूर्व विधायक किशुन दास, अशोक शर्मा, केदार यादव ने आचार्य का आशीर्वाद लिया. मौके पर लक्ष्मण यादव, द्वारिका राणा, आनंद मोदी, श्यामसुंदर सिंघानिया, पवन चौधरी, राजेंद्र यादव, विनय राणा, महेश दारुका, अरविंद चौधरी, सुशील जोशी, पवन जोशी, महेंद्र जोशी, विजय जोशी, श्रीअंश जोशी, मनोज जोशी, चंद्रशेखर जोशी, ईशान जोशी, संजय शर्मा, नरेंद्र पाल, राकेश शर्मा, अरुण मोदी, संजय बनर्जी, दीनानाथ पांडेय, सिद्धी प्रसाद, अजय वर्मा, मनोज चन्द्रवंशी, शशि भूषण प्रसाद, सुनील सिन्हा, राजीव कालरा, कुमार पूजारा, पुष्पा जोशी, संगीता शर्मा, मंजु जोशी, सुनीता जोशी, ललीता शर्मा, सुजाता जोशी व अन्य मौजूद थे.

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